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Navratri 2020: मालवा के गरबा उत्सव पर कोरोना का कहर, ड्रेस मार्केट को करोड़ों का घाटा

इस बार सारे त्योहारों पर कोरोना का ऐसा कहर बरपा है कि ना केवल मध्यप्रदेश बल्कि गुजरात में भी गरबा के पंडाल नहीं सज पाएंगे. नवरात्रि के ठीक पहले मालवा में गरबा उत्सव के प्रसिद्ध शहर इंदौर में भी गरबा उत्सव का बाजार सजने से पहले ही चौपट हो चुका है. इंदौर समेत पूरे प्रदेश में सैकड़ों स्थानों पर होने वाला गरबा आयोजन इस साल नहीं हो सकेंगे. ऐसे में नवरात्रि और गरबा उत्सव से जुड़ा व्यापार व्यवसाय करोड़ों के घाटे की चपेट में आ गया है.

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Published : Oct 17, 2020, 7:04 PM IST

Updated : Oct 18, 2020, 2:18 PM IST

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इंदौर।नवरात्रि के पर्व को हर साल हर्षोल्लास से भर देने वाले गरबा उत्सव पर भी कोरोना का का ग्रहण लग गया है. इस बार सारे त्योहारों पर कोरोना का ऐसा कहर बरपा है कि ना केवल मध्यप्रदेश बल्कि गुजरात में भी गरबा के पंडाल नहीं सज पाएंगे. नवरात्रि के ठीक पहले मालवा में गरबा उत्सव के प्रसिद्ध शहर इंदौर में भी गरबा उत्सव का बाजार सजने से पहले ही चौपट हो चुका है. यहां दशकों बाद ऐसी स्थिति बनी है कि जब गरबा ड्रेस के बाजार में एक भी गरबा की ड्रेस बुक नहीं हो सकी है. ना ही अब यहां कोई ड्रेस ही खरीदने आ रहा है.

गरबा में फीकी पड़ी चमक

इंदौर में गुजराती और काठियावाड़ की परंपरागत गरबा ड्रेस और नवरात्रि उत्सव में तरह-तरह की वेशभूषा तैयार करने वाला मालवा का यह प्रमुख गरबा ड्रेस बाजार इस साल नवरात्र उत्सव शुरू होने से पहले ही वीरान है, दरअसल कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते गणेश उत्सव की तरह ही राज्य सरकार ने नवरात्रि का पर्व भी कोरोना से बचने के लिए निर्धारित सुरक्षात्मक मापदंडों के अनुसार ही मनाने के निर्देश दिए हैं. जिनमें दुर्गा प्रतिमाओं और झांकियों के साथ हर साल सजने वाले गरबा पंडाल प्रतिबंधित किए गए हैं. इस स्थिति के फलस्वरुप इंदौर समेत पूरे प्रदेश में सैकड़ों स्थानों पर होने वाला गरबा आयोजन इस साल नहीं हो सकेंगे. ऐसे में नवरात्रि और गरबा उत्सव से जुड़ा व्यापार व्यवसाय करोड़ों के घाटे में आ गया है.

रोजी-रोटी पर संकट

इंदौर के रामबाग ड्रेस बाजार की स्थिति यह है कि इस बार यहां नवरात्रि शुरू होने के 2 दिन पहले तक कोई भी ग्राहक नहीं आया. शहर में नवरात्रि उत्सव के इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी भी ग्राहक ने यहां एक भी गरबा ड्रेस बुक नहीं की हो. स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक ठीक ऐसी स्थिति गुजरात के बाजार की है. जहां से इस बार इंदौर को एक भी ड्रेस की सप्लाई नहीं की गई है. यहां की दुकानों में बीते साल तैयार कराई गई जो गरबा ड्रेस मौजूद हैं, इस बार गरबा उत्सव नहीं होने के कारण उन्हें कोई भी पूछने वाला नहीं है. ऐसी ही स्थिति स्कूलों में होने वाले वार्षिक उत्सव और अन्य आयोजनों के नहीं होने को लेकर भी है, लिहाजा इस धंधे से जुड़े ड्रेस विक्रेताओं और टेलरिंग कारीगरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

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सब्जी, जूते-चप्पल की दुकानें लगाकर चला रहे आजीविका

कई दुकानें ऐसी है, जिन्होंने नवरात्र के पहले ही गरबा ड्रेस की बुकिंग को छोड़कर आजीविका के लिए फल सब्जी और जूते चप्पल बेचना शुरू कर दिया है. कई दुकानदार ऐसे हैं जो नवरात्रि के पहले ही अपनी अपनी दुकान बंद करके इस धंधे से पलायन कर चुके हैं. इसके अलावा जिन दुकानदारों का घर बार और रोजी-रोटी नवरात्रि के आयोजन से चलती थी, वे इस बार घाटा झेल कर अगले साल मुनाफा होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं.

करीब 800 लोग हुए बेरोजगार

इंदौर में नवरात्र उत्सव के व्यापार व्यवसाय से जुड़ी ढाई सौ से पौने तीन सौ दुकानें हैं, जिनमें 50 से ज्यादा दुकानें तो रेगुलर गरबा ड्रेस विक्रेता और तरह-तरह की ड्रेस किराए पर देने वालों की है. इन दुकानों पर हर साल 10 से 15 दिन पहले नवरात्रि के 9 दिन के हिसाब से अलग-अलग ड्रेस पहनकर गरबा पंडालों में जाने वालों की ओर से बुकिंग होती थी. लेकिन इस बार कोई भी ड्रेस बुकिंग नहीं हुई है. इसके अलावा इंदौर में इन ड्रेस को तैयार करने वाले टेलर, कारीगर और अलग-अलग काम से जुड़े करीब 800 लोग बेरोजगार हो चुके हैं. इनमें से अधिकांश अब रेडीमेड मार्केट के अन्य कामकाज करने को मजबूर हैं.

Last Updated : Oct 18, 2020, 2:18 PM IST

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