इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्कूलों का संचालन बंद कर दिया गया था. अनलॉक होने के बाद वर्तमान में राज्य शासन के आदेशों के बाद शहर में नौवीं से बारहवीं तक के स्कूलों को खोला गया है, जिनमें ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है. हालांकि जो छात्र स्कूल में पहुंच रहे हैं, उन्हें अपने माता-पिता की अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है.
ऑनलाइन पढ़ाई के साथ-साथ शुरू हुई ऑफलाइन पढ़ाई
राज्य शासन के निर्देशों पर बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए स्कूलों को बंद किया गया था. बंद के दौरान बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यमों से कराई जा रही थी. हालांकि संक्रमण की स्थिति में कमी आने के बाद राज्य शासन के निर्देशों पर 10वीं और 12वीं की कक्षाओं का संचालन शुरू किया गया था, जिसके साथ-साथ 9वीं और 11वीं की कक्षा भी ऑफलाइन शुरू की गई थी, जिसमें बच्चों को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही रूप से पढ़ाया जा रहा है.
ऑफलाइन कक्षा में बढ़ने लगी है छात्रों की उपस्थितियां
शासन के निर्देशों पर निजी और शासकीय दोनों ही स्कूलों में कक्षाओं का संचालन शुरू किया गया था. हालांकि शुरुआती दौर में ऑफलाइन कक्षाओं में छात्रों की कमी देखी जा रही थी, लेकिन समय के साथ-साथ धीरे-धीरे कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति बढ़ने लगी है.
ऑफलाइन कक्षाओं में बढ़ने लगी छात्रों की उपस्थिति, आंकड़ा 60 फीसदी तक पहुंचा - Attendance of students increased
शासन के आदेशों के बाद ऑफलाइन कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति बढ़ने लगी है. 11 फीसदी से शुरू होकर यह आंकड़ा 60 प्रतिशत तक पहुंच गया है.
अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी नरेंद्र जैन के अनुसार, जब कक्षाओं की शुरुआत की गई थी, तब छात्रों की उपस्थिति लगभग 11 फीसदी के आसपास थी. यह उपस्थिति अब बढ़कर 50 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है. धीरे-धीरे छात्रों की संख्याओं के बढ़ने की उम्मीद है.
शहर में करीब 200 से अधिक निजी स्कूल है, जिनमें कक्षा नौवीं से बारहवीं तक कक्षाएं संचालित की जाती है. इन स्कूलों में भी लगातार छात्रों की संख्या बढ़ रही है. हालांकि छात्र ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही माध्यमों से पढ़ाई कर सकते हैं. स्कूल पहुंचने वाले छात्रों के लिए परिजनों की अनुमति अनिवार्य की गई है.
कोरोना गाइडलाइन के साथ किया जा रहा कक्षाओं का संचालन
वर्तमान में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है. इन कक्षाओं के संचालन के दौरान कोरोना गाइडलाइन का विशेष तौर पर पालन किया जा रहा है. एक ओर जहां छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठने की व्यवस्था की गई है. वहीं कक्षा में बैठने के दौरान छात्रों को मास्क लगाना भी अनिवार्य किया गया है. स्कूल प्रबंधन को समय-समय पर कक्षा और विद्यालय परिसर को सैनिटाइज कराने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी तरह के संक्रमण की स्थिति निर्मित न हों.
अर्धवार्षिक परीक्षा में भी रही छात्रों की अधिक उपस्थिति
अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी शिक्षा विभाग नरेंद्र कुमार जैन के अनुसार, 18 दिसंबर से स्कूलों की शुरुआत की गई थी, जिसके बाद धीरे-धीरे कक्षाओं में छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं 1 फरवरी से आयोजित की गई अर्धवार्षिक परीक्षा में भी छात्रों की संख्या काफी अच्छी रही थी. आने वाले दिनों में आयोजित की जाने वाली प्री बोर्ड परीक्षा में 100 फीसदी छात्रों की उपस्थिति रहने की उम्मीद जताई जा रही है.
शासकीय स्कूलों की अपेक्षा निजी स्कूलों में बड़ी छात्रों की संख्या
शासकीय और निजी स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन नौवीं से बारहवीं तक किया जा रहा है. शासकीय स्कूलों की अपेक्षा वर्तमान में निजी स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाओं में छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है. जहां शासकीय स्कूलों में वर्तमान में यह संख्या 50 फीसदी है, तो वहीं निजी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति लगभग 70 प्रतिशत से अधिक दर्ज की जा रही है. जिम्मेदारों का मानना है कि आने वाले दिनों में अगर हालातों में सुधार होता है, तो छात्रों की संख्या और अधिक बढ़ेगी.