होशंगाबाद।कोरोना काल में विद्युत वितरण कंपनियां अपना बकाया बिजली बिल वसूली के लिए तरह तरह के रास्ते अपना रही हैं. अब बिजली विभाग स्व-सहायता समूह की महिलाओं का सहारा ले रही हैं. विद्युत वितरण कंपनियां स्व-सहायता समूह की महिलाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों से बकाया बिजली की बिल वसूली का काम करा रही हैं. इससे महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है.
महिलाएं कर रही बिजली बिल की वसूली दरअसल विद्युत विभाग और पंचायतों द्वारा संयुक्त रूप से निष्ठा विद्युत मित्र योजना का शुभारंभ किया है. जिसके तहत स्व सहायता समूह की महिलाएं गांव में जाकर लोगों के घरों से ही बिजली का बिल भरने का कार्य कर रही हैं. जिसका फायदा बिजली विभाग और इन महिलाओं को हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की चोरी रोकने के साथ ही बिलो की रिकवरी का काम भी आसानी से महिलाएं कर रही हैं. फिलहाल प्रदेशभर के 16 जिले में निष्ठा विद्युत मित्र योजना लागू किया गया है. जिसके सफल होने पर मध्यप्रदेश के सभी जिलों में इस योजना को लागू किया जाएगा.
75 महिला जिले में कर रहीं कार्य
होशंगाबाद जिले के 7 ब्लॉक के अलग-अलग ग्रामीण क्षेत्रों में 75 महिलाएं काम कर रही हैं, जो पिछले 2 माह से बिजली बिल की वसूली कर रहीं हैं. साथ ही इस योजना में अलग-अलग कार्यों का अलग मूल्य तय किया है. जिसमें उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण करने के साथ-साथ ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से नए कनेक्शन की सुविधा प्रदान करने, बिल भरने, चोरी के बिलों की रिकवरी करती है. इसके साथ ही महिला स्व-सहायता समूह द्वारा उपभोक्ताओं को ऑनलाइन या फिर यूपीए ऐप के माध्यम से बिल भरवाने का काम करती हैं. जिसका मूल्य बिजली विभाग द्वारा स्व सहायता समूह के खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
जिला पंचायत सीईओ मनोज सरयाम ने बताया कि नवीन सिंगल फेस जारी करने पर 50 प्रति कनेक्शन पोषण राशि दी जा रही है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में 3 फेस सिंचाई पंप, कनेक्शन जारी करने पर 200 कनेक्शन प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. वहीं बिजली चोरी की सूचना देने के साथ ही सही पाए जाने पर बिल की राशि प्राप्त होने पर 10 प्रतिशत की राशि दी जाती है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सफल योजना के तहत पर दिखाई दे रही है.
बिजली विभाग के साथ काम कर रही स्व सहायता समूह की मालती प्रधान बताती हैं कि हम लगातार गांव में ग्रामीणों को समझाइश देकर बिल भरने के लिए प्रेरित करते हैं. फिलहाल अभी वसूली के आधार पर 200 से 300 रुपये ही मिल पा रहे हैं. वहीं उपभोक्ता मधु वमोलिया बताती है कि इस योजना के शुरू होते ही आसानी से गांव में बिजली बिल भरा जाने लगा है. पहले गांव से दूर शहर तक जाना पड़ता था. ऐसे में अब गांव में ही बिला भरने आसानी होती है. साथ ही विद्युत विभाग के महाप्रबंधक वीवी एस परिहार ने बताया कि इस योजना को गरीबों के साथ विद्युत विभाग के लिए मददगार योजना बताया है करीब 2 माह में साढ़े तीन लाख रूपये की वसूली की है.