होशंगाबाद। जिले में शिक्षा विभाग के निर्देश पर प्रदेश में शिक्षकों के स्थानांतरण करने के आदेश दिए गए हैं. लेकिन जिला मुख्यालय पर सालों से पदस्थ शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया जिला शिक्षा विभाग ने औपचारिकता की जा रही है.
रिक्त पदों की जानकारी लिए बिना ही बुलाई काउंसलिंग, शिक्षकों ने जताई आपत्ति
होशंगाबाद जिले में शिक्षा विभाग की निर्देश पर प्रदेश में शिक्षकों के स्थानांतरण करने के आदेश दिए गए हैं. लेकिन जिला मुख्यालय पर सालों से पदस्थ शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया जिला शिक्षा विभाग ने औपचारिकता की जा रही है.
जिला शिक्षा अधिकारी ने 2 दिन पहले पूर्व स्कूल संकुल प्राचार्य को अतिशेष शिक्षकों की सूची बनाने और उन्हें स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे. बुधवार को जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर विभाग ने माध्यमिक शाला के 68 अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी कर उन्हें काउंसलिंग के लिए गर्ल्स स्कूल सुबह 11 बजे से ही बुला लिया गया था. लेकिन 8 घंटे बाद तक तक जिला शिक्षा अधिकारी स्कूलों की जानकारी उपलब्ध नहीं करा पाए. जिसके चलते काउंसलिंग शुरू नहीं हो पाई शिक्षक दिन भर इंतजार करते रहे.
इस दौरान शिक्षकों ने स्थानांतरण प्रक्रिया पर असहमति व्यक्त की असहमत शिक्षक अनिल सोनी का कहना है कि पहले से पदस्थ शाला के नजदीकी स्कूल में ही पदस्थ किया जाए. अब शिक्षा विभाग ने विषय वार स्थानांतरण किया जा रहा है जो गलत है. होशंगाबाद के रसूलिया स्थित माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षिका मंजुला शुक्ला ने बताया कि 1995 में विषय के अनुसार नियुक्ति नहीं की गई थी. लेकिन अब इतने सालों बाद विषय के अनुसार स्थानांतरण किया जा रहा है वह भी वर्तमान शाला से कई किलोमीटर दूर. शिक्षक अखिलेश पाठक का कहना है कि अतिशेष के नाम पर शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है और अपने करीबियों को रखा जा रहा है.