हरदा। सरकार की तरफ से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को मिलने वाली साइकिल इन दिनों बारिश में जंग खा रही हैं. सरकारी हाईस्कूल में छात्रों को दी जाने वाली साइकिलों को खुले में रखी हैं. पिछले 15 दिनों से हो रही बारिश में साइकिल भीग चुकी हैं. जिससे उनमें जंग तेजी से पकड़ रहा है.
बारिश में जंग खा रही हैं साइकिल, नौनिहाल कर रहे हैं सवाल- 'कैसे स्कूल चलें हम' - खुले में रखी साइकिल
शहर के सरकारी हाईस्कूल में छात्रों को दी जाने वाली साइकिलों को खुले में रखी हैं. पिछले 15 दिनों से हो रही बारिश में साइकिल भीग चुकी हैं. जिससे उनमें जंग तेजी से पकड़ रहा है.
लाखों रुपये की लागत से तैयार की गई एक हजार साइकिल बीते एक सप्ताह से खुले आसमान ने नीचे जंग खा रही हैं. इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन और जिम्मेदार अधिकारी हाथ-पर हाथ रखे बैठे हैं. स्कूल की प्राचार्य शकुंतला खातरकर का कहना है कि सायकिल का निर्माण बीईओ के अंडर में हो रहा है. काम जल्द हो जाना चाहिए. ताकि उनकी कक्षाएं भी प्रभावित न हों और बच्चों को स्कूल आने में आसानी हो.
साइकिल तैयार करने वाली कंपनी के सुपर वाईजर राजदीप यादव का कहना है कि 20 इंच की 586 एवं 18 इंच की 247 साइकिल तैयार कर दी गई हैं. बाकी साइकिल चार से पांच दिनों के भीतर तैयार कर दी जाएगी. राजदीप यादव ने बताया कि तैयार साइकिलों का वेरिफिकेशन भी हो गया है, लेकिन संबंधित अधिकारी साइकिल ले जाने में देरी कर रहे हैं.
जिला शिक्षा अधिकारी सीएस टैगोर का कहना है कि नवमीं के कुल 2772 विद्यार्थियों को इस योजना के तहत साइकिल दी जानी हैं, लेकिन अब तक केवल 317 ही साइकिल वितरित की जा सकी हैं. उन्होंने निर्माता कंपनी से वेरिफिकेशन की बात कही है, जबकि कंपनी के सुपरवाइजर के द्वारा वेरिफिकेशन होने की बात की जा रही है.
सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन के तहत स्कूल से मैपिंग के आधार पर तय दूरी पर रहने वाले छात्र छात्राओं को साइकिल वितरित होना है. अधिकारियों के अपने दावे अपनी जगह हैं. लेकिन बच्चों के सवाल यही हैं बिना साइकिल के सवाल कैसे स्कूल चलें हम