ग्वालियर। महाशिवरात्रि पर्व के लिए शिवालयों को सजाया जा रहा है. शहर के बीचोंबीच बने अचलेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इस बार 2 दिन की शिवरात्रि होने की वजह से 48 घंटों तक मंदिर में भक्तों का हुजूम लगा रहेगा. मान्यता है कि इस मंदिर को शिफ्ट करने की कोशिश में सिंधिया शासकों के पसीने छूट गए थे.
शिवरात्रि: इस मंदिर ने छुटा दिये सिंधिया राजपरिवार के पसीने, दो दिन में तीन लाख लोग करेंगे महादेव के दर्शन
ग्वालियर के अचलेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारियां चल रही हैं. यह वही मंदिर है जिसने कभी सिंधिया राज परिवार के पसीने छूड़ा दिए थे.
रात बारह बजे से ही मंदिर में पूजा-पाठ और अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे. सुबह 4 बजे भगवान का अभिषेक किया जाएगा. शहर के बीचो-बीच होने की वजह से इंदरगंज कटोरा ताल रोड और महल रोड का ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है. महिलाओं के लिए दर्शन की अलग से व्यवस्था की गई है. मंदिर को करीब साढ़े तीन सौ क्विंटल फूलों से सजाया जा रहा है. 500 से ज्यादा पुलिस कर्मचारी अचलेश्वर मंदिर की सुरक्षा और भक्तों की सुरक्षा में तैनात रहेंगे. अनुमान है कि इन दो दिनों में करीब तीन लाख लोग भगवान शिव के दर्शन करेंगे.
इस मंदिर से एक मिथक जुड़ा हुआ है. कहते हैं कि यहां बरगद के पेड़ के पास भगवान शिव की पिंडी अपने आप प्रकट हो गई थी. उस जमाने में सिंधिया राजपरिवार की शाही सवारी महल से निकलती थी, जो बीच सड़क पर बरगद के पेड़ से होती हुई गोरखी देवालय तक जाती थी. लेकिन, सिंधिया महाराजा ने जब इस बरगद और शिवलिंग को हटाने की कोशिश की तो उनके पसीने छूट गए थे. बाद में उन्हें सपने में आया कि यहां से शिवलिंग नहीं हटाया जाए, जिसके बाद से सिंधिया शासकों ने इसे अचलेश्वर धाम का नाम दे दिया था.