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सरकारी अस्पताल की टूटी खिड़की बनी मुसीबत, लू लगने से 6 से अधिक नवजात बीमार - negligence of hospital

भितरवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती छह से अधिक नवजात बच्चों की तबीयत लू लगने से बिगड़ गई क्योंकि प्रसूता कक्ष की खिड़िकयां टूटने से गर्म हवाएं सीधे वार्ड के अंदर पहुंच रही थी, जिससे बच्चों की तबीयत बिगड़ गई.

negligence of hospital
अस्पताल की लापरवाही

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Published : May 26, 2020, 12:14 PM IST

ग्वालियर। सरकार हर नागरिक तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का प्रयास कर रही है, लेकिन ये सेवाएं जमीनी तौर पर लोगों को नहीं मिल रही हैं. ऐसा ही कुछ मामला भितरवार के सामुदायिक अस्पताल में देखने को मिला, जब अस्पताल में भर्ती नवजात बच्चों की लू लगने से जान जोखिम में पड़ गई, जिसके बाद अस्पताल में अफरा तफरी मच गई, जिसके बाद हरकत में आए स्वास्थ्य प्रबंधन ने नवजातों का उपचार शुरू किया.

अस्पताल की लापरवाही

जानकारी के अनुसार भितरवार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रसूता कक्ष में खिड़कियां टूटी होने से गर्म हवाएं सीधे अंदर पहुंचने लगी, जिससे अंदर भर्ती करीब छह से अधिक नवजातों को लू लग गई, नवजातों की खराब तबीयत देख महिलाएं रोने लगीं, जिसके बाद स्वास्थकर्मियों ने इसकी सूचना तत्काल प्रबंधन को दी. मौके पर पहुंची स्टाफ नर्सों ने सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका प्राथमिक उपचार शुरू किया और सभी बच्चों को शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया, जहां शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गिर्राज गुप्ता बच्चों का उपचार कर रहे हैं.

भितरवार सामुदायिक अस्पताल के प्रसूता कक्ष की कई दिनों से खिड़कियां टूटी पड़ीं हैं, कूलर बन्द हैं और जो कूलर चालू हैं, उनमें पानी नहीं भरा जाता. ऐसी व्यवस्थाओं में वहां भर्ती प्रसूता महिलाओं को भीषण गर्मी में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि कुम्भकर्णीय नींद में सो रहे अस्पताल प्रबंधन ने इस ओर अब तक ध्यान नहीं दिया, जिससे नवजात बच्चे लू लगने से बेहाल हो गए.

इस मामले में एसडीएम भितरवार केके गौर का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही गंभीर है, ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश भी दिए जाएंगे.

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