ग्वालियर। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर कम होते ही फिर से बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के द्वारा लापरवाही शुरू हो गई है. कोरोना संक्रमण काल में पिछले 3 महीने से ग्वालियर में कदम ना रखने वाले राज्यसभा सांसद और बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश में शिवराज सरकार के तीन मंत्री और सांसद ने कोविड गाइडलाइन का मजाक उड़ाया है. ग्वालियर में रूल ऑफ सिक्स लागू है, मतलब शहर में 6 लोगों से ज्यादा मिलने पर धारा 144 का उल्लंघन माना जाता है.
बीजेपी कार्यक्रम में उड़ाई Covid Guideline की धज्जियां सिंधिया, मंत्री पूर्व मंंत्री और कार्यकर्ता का जमावड़ा
मोतीमहल में एंबुलेंस वितरण कार्यक्रम के स्टेज पर 10 बीजेपी के वरिष्ठ नेता शान से बैठे थे. जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर और इसके अलावा शिवराज सरकार के तीन मंत्री शामिल है. इतना ही नहीं किसी भी राजनीतिक, धार्मिक या अन्य कार्यक्रम पर रोक है. इसके बाद भी एक कार्यक्रम हो गया. सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता भी पहुंचे. जिसमें पल-पल सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ती नजर आए.
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छोटे कार्यक्रम पहुंची भारी भीड़
राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया 3 दिन के अंचल दौरे पर आए हैं. इस दौरान उन्होंने शुक्रवार को ग्वालियर संभाग को 5 एंबुलेंस देने के लिए एक कार्यक्रम रखा गया. लेकिन इस कार्यक्रम ने बता दिया कि सारी पाबन्दियाँ दिया और नियम सिर्फ आम लोगों बाजारों और व्यापारियों पर लागू होते हैं. मोती महल के कंट्रोल कमांड सेंटर में 5 एंबुलेंस दान देने के लिए भव्य मंच सज गया. इस कार्यक्रम में खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया सरकार के तीन मंत्री पूर्व मंत्री और भाजपा जिला अध्यक्ष सहित कई बीजेपी के बड़े नेता शामिल हुए. इसके साथ ही सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता भी बुलाये गये, जहां नियमों की धज्जियां उड़ रही थी.
अधिकारियों के सामने कार्यक्रम का आयोजन
कोरोना संक्रमण के दौरान अगर किसी आम आदमी के द्वारा गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया है, तो उन पर जुर्माना लगाया गया है. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यक्रम में ग्वालियर के सभी अधिकारी मूकदर्शक बने रहे और अपने ही सामने कोरोना गाइडलाइन धज्जियां उड़ते देखते रहे. इस कार्यक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ-साथ बीजेपी सरकार के मंत्री सहित एसपी कलेक्टर और प्रशासन के बड़े अधिकारी भी मौजूद थे. लेकिन जनता को कोरोना गाइडलाइन का पाठ पढ़ाने वाले अधिकारी और नेता ही कोरोना की खुलकर धज्जियां उड़ाते रहे.