Cheetah Project Kuno: कूनो में नामीबिया व दक्षिण अफ्रीका के चीतों के बीच वर्चस्व की जंग,दूसरी बार खूनी संघर्ष
मध्यप्रदेश के कूनो अभ्याारण्य में चीतों की हिफाजत को लेकर वन विभाग के अफसरों के हाथ-पैर फूल रहे हैं. अब चीतों के बीच वर्चस्व की जंग शुरू हो गई. एक माह के अंदर दूसरी बार चीतों के बीच खूनी संघर्ष हुआ है. दो-दो के गुट में बंटे 4 चीतों के बीच खूनी संघर्ष में एक चीता गंभीर रूप से घायल हो गया. उसका इलाज किया जा रहा है. बता दें कि इससे पहले भी खूनी संघर्ष में एक चीता मौत का शिकार हो चुका है.
कूनो में चीतों के बीच वर्चस्व की जंग,दूसरी बार खूनी संघर्ष
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Published : Jun 28, 2023, 1:32 PM IST
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Updated : Jun 28, 2023, 2:00 PM IST
ग्वालियर।कूनो अभ्यारण में चीतों की सुरक्षा को लेकर सरकार के साथ ही वन विभाग के आला अफसरों की चिंताएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बीमारी से चीतों की मौत के बाद अब इनके बीच खूनी संघर्ष ने कूनो प्रबंधन के अफसरों को परेशान कर रखा है. एक बार फिर चीतों के बीच खूनी संघर्ष हो गया. इस लड़ाई में एक चीता घायल हो गया है. घायल चीता को ट्रिकुलाइज किया गया. उसका डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा उपचार किया जा रहा है.
दो भाइयों की दो दोस्तों से लड़ाई :सूत्रों के अनुसार नामीबिया से लाए गए एल्डन-फ्रेडी (जिनका वर्तमान नाम गौरव और शौर्य हैं ) और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए अग्नि और वायु नर चीता के बीच खूनी लड़ाई हुई. इसमें अग्नि नाम का चीता घायल हो गया है. यह घटना सोमवार की बताई जा रही है. लेकिन इस घटना को वन विभाग के अफसरों ने छुपाकर रखा. बुधवार को कूनो अभ्यारण के DFO प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि सोमवार शाम को कूनो के पालपुर इलाके में जंगल की सैर कर रहे ये चीते आपस में भिड़ गए.
इसलिए हुआ खूनी संघर्ष :बताया जा रहा है कि कूनो अभ्यारण के खुले जंगल में छोड़े गए अग्नि और वायु एक साथ रहते हैं. उधर गौरव और शौर्य भी सगे भाई हैं, जो हमेशा एक साथ रहते हैं. नामीबिया के चीते गौरव और शौर्य एक साथ मस्ती में मस्त रहने वाले चीते हैं. लेकिन दक्षिण अफ्रीका से लाए गए अग्नि और वायु ज्यादा तेजतर्रार हैं. वह अपने इलाके में किसी का भी दखल या मूवमेंट बर्दाश्त नहीं करते. इसी के चलते गौरव और शौर्य चीते का आमना-सामना दो चीतों से हुआ.अग्नि और वायु ने उन पर अटैक कर दिया. जवाब में गौरव और शौर्य ने भी उन पर अटैक कर दिया, जिससे अग्नि चीता घायल हो गया.
कुल 20 चीते लाए गए थे :बता दें कि ये वही अग्नि और वायु हैं, जिन्होंने पूर्व में हमला करके एक चीते को गंभीर रूप से घायल कर दिया था. जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी. मरने वाला चीता फीमेल था और इसका नाम धीरा था, गौरतलब है कि चीता प्रोजेक्ट के तहत कूनो अभ्यारण्य में दक्षिण अफ्रीका व नामीबिया से कुल 20 चीते लाए गए हैं. इन्हें दो किस्तों में लाया गया था. कूनो में अब तक 3 चीतों की मौत हो चुकी है. अब यहां 17 चीते शेष हैं. 2 चीते उदय और साशा की मौत हो चुकी है. इन दोनों को किडनी की बीमारी थी. इसके अलावा एक चीता ने 4 बच्चों को जन्म दिया था. इनमें से भी 3 बच्चे मौत का शिकार हो चुके हैं.