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रातोंरात में कैसे गायब हुए डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ, क्राइम ब्रांच ने की थी कार्रवाई - Case of black marketing of Remedicivir injection

ग्वालियर के मैक्स केयर हॉस्पिटल में संचालक सहित तीन लोगों को ग्वालियर क्राइम ब्रांच पुलिस ने इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए गिरफ्तार किया है, जिसके बाद से हॉस्पिटल का पूरा स्टाफ गायब है.

Max Care Hospital
मैक्स केयर हॉस्पिटल

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Published : Apr 30, 2021, 6:01 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार कोरोना से निपटने के लिए भरपूर इंतजाम करने की कोशिश में लगी हुई है, दूसरी ओर ग्वालियर के कोविड अस्पताल का प्रबंधक और पूरा पैरामेडिकल स्टाफ रात से गायब है. आलम यह है कि अस्पताल में भर्ती मरीज भगवान भरोसे हैं. यह हालात ग्वालियर शहर के मैक्स केयर हॉस्पिटल की है. कल देर रात अस्पताल के संचालक समेत तीन लोगों को ग्वालियर क्राइम ब्रांच पुलिस ने इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए गिरफ्तार किया था जिसके बाद हॉस्पिटल का पूरा स्टाफ गायब है.

कार्रवाई के बाद डॉक्टर सहित स्टाफ गायब

बीती रात क्राइम ब्रांच पुलिस को सूचना मिली थी किस शहर के मैक्स केयर हॉस्पिटल में रेमडिसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रही है. उसके बाद क्राइम ब्रांच की पुलिस को तो मरीज का परिजन बन कर गई और वहां अस्पताल के तीन लोगों से इंजेक्शन खरीदने की बात हुई तो उन्होंने दो इंजेक्शन की कीमत 35 हजार रुपए बताई।उसके बाद क्राइम ब्रांच ने इन तीनों आरोपियों को पकड़ लिया। इस कार्यवाही के बाद पूरा हॉस्पिटल का स्टाफ गायब है और यहां पर भर्ती कोरोना के मरीज भगवान भरोसे है.

रातोंरात में कैसे गायब हुए डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ

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हॉस्पिटल में भर्ती कई मरीज ऑक्सीजन के सपोर्ट पर है एडमिट

स्थिति यह है कि इस अस्पताल में कई कोरोना के मरीज ऐसे हैं, जो ICU में ऑक्सीजन के सपोर्ट पर है लेकिन इनकी देखरेख के लिए कोई भी वहां मौजूद नहीं है. सिर्फ वहां पर अस्पताल के सफाई कर्मचारी और गार्ड ही मौजूद है, जो इन मरीजों की देखरेख कर रहे हैं. जब इसकी जानकारी प्रशासन को लगी तो वहां पर प्रशासन में पैरामेडिकल के चार मेडिकल स्टाफ को भेज दिया है.

आठवीं पास है आरोपी रवि रजक

क्राइम ब्रांच पुलिस ने मैक्स केयर हॉस्पिटल पर जो कार्रवाई की है उस हॉस्पिटल का संचालक रवि रजक है और वह आठवीं पास है. आरोपी मरीजों के साथ रहता था और साथ ही उनका इलाज करता है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह हॉस्पिटल मरीजों के लिए मौत का घर है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ कोई ध्यान नहीं देता है.

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