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गुना के हाईप्रोफाइल आत्माराम पादरी केस में 7 साल बाद गिरफ्तारी, अन्य पुलिसकर्मी भी CID के रडार में

गुना के हाईप्रोफाइल आत्माराम पादरी केस में नया मोड़ आ गया है. 7 साल बाद इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू हो गई है. इसमें एक दारोगा को हिरासत मिला गया है. इसके अलावा अन्य पुलिस वाले भी CID की रडार में हैं. सीआईडी ने जिस आरक्षक योगेंद्र सिसोदिया को गिरफ्तार किया है. उसने पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. इसी कारण इस केस से संबंधित अन्य पुलिस कर्मियों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए हैं. (Guna high profile case atmaram padri)

arrest after 7 years guna high profile case
गुना के हाईप्रोफाइल आत्माराम पादरी केस में 7 साल बाद गिरफ्तारी

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Published : Dec 14, 2022, 11:35 AM IST

गुना।सात साल तक एसपी से लेकर सीएम तक अपने बेटे के हत्यारोपियों को गिरफ्तार करने की गुहार लगाते लगाते मां ने दुनिया छोड़ दी. अब 7 साल बाद हाई कोर्ट की सख्ती के चलते उसके बेटे आत्माराम के रहस्यमय केस के आरोपियों पर सीआईडी ने शिकंजा कस दिया है. आरोपियों में शामिल एक आरक्षक को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया. उसने कई सनसनीखेज खुलासे कर दिए हैं. धरपकड़ शुरू होते ही आरोपी सब इंस्पेक्टर समेत अन्य मोबाइल बंद कर फरार हो गए हैं. एक आरोपी की गिरफ्तारी पर एडीजी सीआईडी ने 30 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया है. CID की स्पेशल टीम गुना में डेरा डाले हुए है. सूत्रों ने बताया कि CID को पुख्ता इनपुट मिल गया है कि चिन्हित हो चुके आरोपियों ने ही आत्माराम को ठिकाने लगाया है. आरक्षक योगेंद्र सिसोदिया को विशेष कोर्ट में पेश किया गया है. सीआईडी ने 2 दिन कि पुलिस रिमांड मांगी थी. जिसकी अनुमति कोर्ट ने दे दी है. (Arrest after 7 years guna high profile case)

ये है हाईप्रोफाइल मामलाःयह केसधरनावदा थाना क्षेत्र के ग्राम कनेरा का है. आत्माराम 9 जून 2015 को गायब हो गया था. उसकी बूढ़ी मां अप्पीबाई व रिश्तेदारों सुलोचना आदि का आरोप है कि जब वो लोग एक रिश्तेदार का अंतिम संस्कार करने के बाद उसकी राख पार्वती नदी में बहाने गए थे. तभी थानेदार रामवीर सिंह कुशवाह, आरक्षक योगेंद्र सिसोदिया, दिनेश उर्फ बनिया गुर्जर, रघुराज तोमर उर्फ रघु रोकड़ा आदि वहां गाड़ियों से पहुंचे और आत्माराम को गोली मार दी. फिर उसे अपनी गाड़ी में डालकर ले गए. तब से आत्माराम का कोई पता नहीं चला. अप्पीबाई ने उसे ढूंढ़ने के लिए पुलिस के अधिकारियों को कई आवेदन दिए. करीब पचास शिकायतें एसपी से लेकर सीएम तक कीं गई लेकिन आरोप पुलिस पर होने के चलते कोई कार्यवाही नहीं हुई. उल्टे फरियादी पक्ष के पारदी समुदाय का होने से उनके विरुद्ध कई FIR दर्ज होने लगीं. इसके बाद अप्पीबाई ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. (This is the high profile case)

हाईकोर्ट ने एसपी से केस की स्टेटस रिपोर्ट तलब कीः पुलिस ने फरियादी और घटना के गवाहों के कोर्ट में बयान कराने के बाद आरोपी सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह कुशवाह, आरक्षक योगेंद्र सिंह सिसोदिया, रघुराज तोमर उर्फ रघु और दिनेश गुर्जर उर्फ बनिया के विरुद्ध आत्माराम को गोली मारकर अगवा कर ले जाने और एट्रॉसिटी एक्ट की धाराओं में पुलिस थाना धरनावदा में 2017 में अपराध दर्ज कर लिया. इस केस की जांच के दौरान आत्माराम की पत्नी मरजीना का एक वीडियो आरोपियों के फेवर में वायरल हुआ, जिसमें उसने आत्माराम के जिंदा होने का दावा किया. साथ ही पुलिस को एक आवेदन देकर आत्माराम के हरियाणा के एक अस्पताल में इलाज कराने का दावा भी किया. पुलिस द्वारा की गई जांच में मरजीना के बयान झूठे साबित हुए. (HC summoned status report of case from SP) (Arrest after 7 years guna high profile case)

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जुलाई 19 में बनिया गुर्जर हुआ था गिरफ्तारः जुलाई 2019 में अपराध के एक आरोपी दिनेश गुर्जर उर्फ बनिया का एक स्टिंग वीडियो वायरल हो गया. जिसमें वह SI रामवीर सिंह द्वारा आत्माराम की हत्या करने और उसके एक साथी द्वारा उसकी लाश ठिकाने लगाने की बात करता दिख रहा है. तत्कालीन एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के निर्देश पर पुलिस ने इस वीडियो को जब्त कर 31 जुलाई 2019 को बनिया गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया. इस एक गिरफ्तारी के साथ ही महकमे में खलबली मच गई. तत्कालीन ग्वालियर IG राजा बाबू सिंह ने केस की डायरी अपने पास मंगा ली और वायरल वीडियो में गवाह बने आरक्षक नीरज जोशी का तबादला कर दिया. इसके बाद केस की जांच से जुड़े अफसरों और पुलिस कर्मियों के तबादले कर दिए गए. मामले की जांच CID को सौंप दी गई. ये सब कांग्रेस की सरकार के समय हुआ. (Baniya gurjar was arrested in July 19)

CID ने केस की विवेचना शुरू कीः पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपी बनिया गुर्जर के विरुद्ध गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर ट्रायल कोर्ट में आरोप पत्र तक पेश नहीं किया. जिसके चलते आरोपी को कोर्ट से जमानत मिल गई. इससे तत्कालीन जांच अधिकारियों की भूमिका पर सवाल भी उठे. सूत्रों ने बताया कि इस दौरान केस डायरी से बनिया गुर्जर के स्टिंग वीडियो की सीडी भी गायब हो गई थी. जांच अधिकारियों ने विवेचना की दिशा को पलटते हुए आत्माराम को गुमशुदा घोषित कर दिया था. यहां तक कि इस मामले में आरोपियों के बजाए फरियादियों से नार्को टेस्ट की सहमति मांगी गई थी. इस तरह इस केस में जांच की दिशा ही बदल दी गई थी. इधर कोरोना महामारी के चलते हाई कोर्ट में भी केस की सुनवाई टलती रही. इस बीच प्रदेश में सरकार बदलने पर जांच अधिकारी भी बदल गए। हाईकोर्ट में भी केस की सुनवाई शुरू हो गई. केस डायरी में फिर से स्टिंग वीडियो की सीडी शामिल की गई जिसकी लेबोरेटरी जांच रिपोर्ट में वीडियो सही पाया गया. (Cid started investigation of the case)

आरक्षक योगेंद्र सिसोदिया ने किए हैं कई सनसनीखेज खुलासेः सोमवार को सीआईडी ने केस के आरोपी आरक्षक योगेंद्र सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया. सूत्रों ने बताया कि योगेंद्र से प्रारंभिक पूछताछ में घटना को लेकर कई सनसनी खेज खुलासे हुए हैं. आत्माराम को लेकर CID को अहम सुराग मिले हैं. साथ ही वारदात में अन्य आरोपियों के शामिल होने का पता भी CID को चला है. इनमें दो आरक्षक और भी शामिल हैं. इधर आरोपी सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह कुशवाह समेत अन्य सभी आरोपी मोबाइल बंद कर घरों से फरार हो गए हैं. CID की टीम इन आरोपियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है. साथ ही उनके नजदीकी लोगों पर भी निगाह रखी जा है. रामवीर को पकड़ने एक टीम आगर मालवा भी रवाना हुई है. चर्चा है कि मुख्य आरोपी कांग्रेस के एक बड़े नेता के लगातार संपर्क में है. (Constable Yogendra many sensational revelations)

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