गुना। सात और आठ साल की उम्र बच्चों के खेलने कूदने की होती है. लेकिन गुना जिले के मरवाड़ा गांव में इसी उम्र में दो बच्चों का विवाह कर दिया गया. जिसमें दूल्हा आठ साल का था और दुल्हन सात साल की. यह शादी तीन महीने पहले पूरे गाजे-बाजे के साथ हुई लेकिन प्रशासन को भनक तक नहीं लगी. जबकि इसी अंचल से प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी भी आती हैं. लेकिन कोई यह बाल विवाह नहीं रुकवा पाया.
मंत्री इमरती देवी के जिले में बाल विवाह, आठ साल का दूल्हा, सात साल की दुल्हन
गुना में तीन महीने पहले हुए बाल विवाह का खुलासा होने के बाद पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. जहां एक पारिवारिक विवाद खत्म करने के लिए पंचों ने एक आठ साल के लड़के का विवाह सात साल की लड़की से करा दिया.
मामला तीन माह पुराना है, जहां मरवाड़ा गांव में नाबालिगों का विवाह करवा दिया गया था. इन दोनों परिवारों के बीच में विवाद चल रहा था. जिसकी सुलह के तौर पर समाज के पंचों ने विवाद खत्म करने के लिए दोनों घर के नाबालिग बच्चों का विवाह करवा दिया. लेकिन इस बात की जानकारी गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को तक नहीं लगी. जबकि विवाह के कार्ड तक छपवाएं गए थे.
जिले का महिला एवं बाल विकास विभाग भी मामले का पता नहीं लगा सका. जबकि इन विभागों के पास बाल विवाह रोकने समिति भी रहती है लेकिन उनको भी सूचना नहीं मिल पाई. दोनों परिवारों ने बच्चों का बाल विवाह करवा दिया. हालांकि मामले की जानकारी लगने के बाद गुना पुलिस अधीक्षक ने मामला दर्ज करते हुए 11 लोगों को हिरासत में लिया है.