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प्रदेश में नहीं है अनाज भंडारण के सही इंतजाम,  सरकार का हाईकोर्ट में किया गया दावा निकला झूठा - हाईकोर्ट में एमपी सरकार

एमपी में बारिश होने से कई क्विंटल अनाज भीगने से बर्बाद हो गया है. ऐसे में राज्य सरकार का हाईकोर्ट में किया गया दावा खोखला नजर आ रहा है. (grain wet in rain in mp)

jabalpur rice
जबलपुर धान

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Published : Jan 21, 2022, 7:51 PM IST

डिंडौरी/जबलपुर।अनाज की बर्बादी के मामले में राज्य सरकार द्वारा जबलपुर हाईकोर्ट (mp government in high court) में दावा किया गया दावा अब झूठा साबित होते नजर आ रहा है. हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि प्रदेश में अनाज के सुरक्षित भंडारण के पुख्ता इंतजाम बात कर लिए गए हैं. लिहाजा, बारिश में अनाज के खराब होने की नौबत नहीं आएगी. हाल ही में हुई बेमौसम बारिश (grain wet in rain in mp) से प्रदेश भर में खरीद केंद्रों पर अनाज की फसल भीगने से बर्बाद हो गई है.

खुले में पड़ा धान

डिंडौरी में बनाये गए थे 37 धान खरीदी केंद्र
आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में किसानों से धान खरीदी (paddy Paddy purchasing center mp) के लिए 37 जगहों पर धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. जिससे कि किसानों के धान की उपज को खरीदा जा सके, लेकिन जिले में हुई तेज बारिश ने धान खरीदी केंद्रों में इंतजामों की पोल खोलकर रख दी है. हैरान करने वाली बात यह है कि मौसम विभाग के अलर्ट के बाद भी धान खरीदी केंद्रों में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किये गए.

धान खरीद केंद्र पर भरा पानी

खुले आसमान के नीचे हो रही थी धान खरीदी
इससे सैकड़ों क्विंटल धान बारिश में भीगकर खराब हो गया है. बारिश में धान भीगने के बाद अपनी नाकामियों को छिपाने जिम्मेदारों ने आनन-फानन में भीगे धान की बोरियों को प्लास्टिक से ढक दिया है. प्लास्टिक कवर से ढकने के बाद भी धान की बोरियां भीग गईं. इसके साथ ही जबलपुर में भी बेमौसम बारिश ने सैकड़ों क्विंटल धान को पानी में भीगा दिया है. मौसम विभाग की बारिश की चेतावनी के बावजूद भी यहां पर कई खरीदी केंद्रों पर धान की खुले आसमान के नीचे खरीदी की जा रही थी. जिससे धान पूरी तरह से भीग गया.

बारिश में भीगने से अनाज हुआ खराब

कांग्रेस का राज्य सरकार पर हमला
इसे लेकर कांग्रेस ने भी राज्य सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस ने कहा कि सिर्फ जबलपुर की बात करें तो यहां पर 1 लाख क्विंटल धान खराब हो गया. कांग्रेस ने इस पूरे मामले और हालातों को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. कांग्रेस का आरोप है कि मौसम विभाग की चेतावनी और हाईकोर्ट में सरकार के जवाब के बावजूद अधिकारियों ने खुले आसमान के नीचे खरीदी की और जिसमे लापरवाही के चलते धान खराब हो गया.

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किसानों को धान सुखाने के लिए दिया जा रहा समय
इधर जबलपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बेमौसम बारिश को प्राकृतिक आपदा बताया है. किसानों को धान सुखाने के लिए समय देने की बात कही है. अधिकारियों के मुताबिक जिले में रिकॉर्ड धान खरीदी वेयरहाउस में की गई है, लेकिन कुछ सोसाइटी में चैट न होने से धान खराब हो गया है.

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