डिंडौरी। मनापुर जनपद क्षेत्र के टिकरिया गांव में बैगाओं की होली कुछ अलग ही अंदाज में होती है. बैगा जनजाति के लोग होली का पर्व पूरे रीति-रिवाज और परंपरा के साथ मनाते हैं. बैगाओं में होली के दिन पूजा-पाठ सहित बलि देने की परंपरा है. बैगा मदिरापान के सेवन के साथ फाग गीत की धुन पर झूम उठते हैं.
होली के दूसरे दिन से पंचमी तक पांच दिनों के लिए बैगाओं द्वारा फाग गाया जाता है. गांव में फाग गाने के लिए गायक बुलाए जाते हैं. जब तक गांव मे फाग गाया जाता है, तब तक बैगा पुरूष, महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग एक साथ बैठकर इसका आनंद लेते हैं. फाग के दौरान महिलाएं ताली बजाकर उनका उत्साह बढ़ाती हैं तो दूसरी तरफ पत्ते को कपनुमा रूप देकर पुरुष उसमें मदिरा का सेवन करते हैं.