"कलेक्टर अंकल! स्कूल की छत हमारे ऊपर गिरी तो क्या होगा?" ये डर है एक जर्जर हो चुके सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का. स्कूल के बच्चों ने एक नए अंदाज में जिला कलेक्टर को अपनी परेशानियों से अवगत कराया है. बच्चों ने पत्र लिखकर समय रहते प्रशासन को अपने जीवन के प्रति आशंका से अवगत कराया है.
ये बच्चे कैबिनेट मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह जिले डिंडौरी के समनापुर विकासखंड के अतरिया गांव में संचालित होने वाले शासकीय प्राथमिक विद्यालय के हैं. जानकारी के अनुसार मासूम बच्चों का ये पत्र समनापुर के समाज सेवियों ने कलेक्टर के नाम नायब तहसीलदार दिलीप मरावी को सौंपा है.
आवेदन के माध्यम से जानकारी दी है कि बच्चे समनापुर के अतरिया स्कूल में पढ़ते हैं, बच्चों का कहना है कि जब वो घर से विद्यालय जाते हैं तब एक कंकड़ भी पैरों में चुभ जाए तो दर्द होता है. अगर ये विद्यालय उनके ऊपर गिरेगा तब कितना दर्द होगा. उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. बच्चों ने पत्र में लिखा है कि स्कूल की खराब स्थिति देख उनका विद्यालय आने का मन भी नहीं करता और डर भी लगता है. लेकिन वो अपने माता-पिता को कहते हैं कि स्कूल नहीं जाना तो घरवाले समझते हैं कि पढ़ने का बहाना कर रहे हैं.
अंकल स्कूल की छत हमारे ऊपर गिरी तो क्या होगा? आगे बच्चों ने लिखा है कलेक्टर अंकल आपसे निवेदन है कि स्कूल को बनवा दें या फिर स्कूल के बाहर अपना एक लेटर लगवा दें की ये विद्यालय कभी भी गिर सकता है. अपने बच्चों को स्कूल न भेंजे. अतरिया गांव में संचालित होने वाले शासकीय प्राथमिक विद्यालय का भवन कभी भी गिर जाने की स्थिति में है. एक ही कमरे में पहली से पांचवीं तक की कक्षा संचालित हो रही हैं. जिससे बच्चों की पढाई नहीं होती और दूसरे कमरे में आंगनबाड़ी संचालित होती है.
समाज सेवी ग्रुप ने पोस्ट मैन बनकर इस चिट्ठी के माध्यम से बच्चों की परेशानियों के बारे में कलेक्टर को बच्चों और स्कूल की समस्याओं से अवगत कराया.