डिंडौरी। चिटफंड कंपनियों में काम कर चुके जिले के एजेंटों ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर बंद पड़ी चिट फंड कंपनियों के एजेंटों की सुरक्षा और कंपनियों से निवेशकों की धन वापसी की मांग की है. डिंडौरी जिले में बीते पांच साल में चिटफंड कंपनियों ने एजेंटों के माध्यम से सबसे ज्यादा डूब क्षेत्र के किसानों को अपना निशाना बनाया है. जिनका पैसा आज भी उन्हें नहीं मिल पाया है.
डिंडौरी: चिटफंड कंपनियों में काम कर चुके एजेंटों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - dindori collector
डिंडौरी कलेक्ट्रेट में सर्वहित महाकल्याण वेलफेयर फाउंडेशन के बैनर तले चिटफंड कंपनियों में काम कर चुके जिले के एजेंटों ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौपा है.
सर्वहित महाकल्याण वेलफेयर फाउंडेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम मान्द्रे ने कलेक्टर के नाम एसडीएम डिंडौरी को ज्ञापन सौंपते हुए बताया, डिंडौरी जिला सहित पूरे प्रदेश में लगभग 150 चिटफंड कंपनी संचालित हो रही हैं, जिनमें से कई कंपनियों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई न करते हुए सिर्फ एजेंटों पर कार्रवाई की है. जिनकी मदद को लेकर अब सर्वहित महाकल्याण वेलफेयर फाउंडेशन डिंडौरी जिले में एक्टिव हो चुका है.
जानकारी देते हुए प्रेम मान्द्रे ने बताया, डिंडौरी जिले में 15 एजेंटों के खिलाफ निवेशकों की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की है, जबकि कार्रवाई चिटफंड कंपनी के मालिक और डायरेक्टर पर होनी चाहिए ताकि निवेशकों की राशि वापस दिलाई जा सके. जिले में चिटफंड कंपनियों की 2 से 3 ब्रांच संचालित थीं, लेकिन महज एक कंपनी के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज की गई है. अपने ज्ञापन में 52 चिटफंड कंपनियों के नाम सहित फाउंडेशन ने कार्रवाई की मांग जिला एवं पुलिस प्रशासन से की है, साथ ही उनके निवेशकों की राशि वापस दिलाये जाने की मांग भी ज्ञापन के माध्यम से की है.