धार। ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्मोत्सव बसंत पंचमी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, वहीं धार स्थित भोजशाला में बसंत पंचमी के मौके पर मां-वाग्देवी का तेल चित्र रखकर हिंदू समाज द्वारा मातृशक्ति द्वारा पूजा अर्चना की जाती है, बसंत पंचमी के अगले दिन महाराजा भोज स्मृति बसंतउत्सव समिति द्वारा मातृशक्ति सम्मेलन का आयोजन किया जाता है, और भोजशाला के गर्भगृह मां वाग्देवी के तेल चित्र की पूजा अर्चना की जाती है.
कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच मुस्लिस सामाज ने की नमाज अदा
परंतु इस वर्ष बसंत पंचमी गुरूवार को थी और अगले दिन शुक्रवार होने के चलते भोजशाला में केवल मुस्लिम सामाज का प्रवेश रहता है, जिसके चलते कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच भोजशाला में दोपहर की नमाज मुस्लिस समाज ने अदा की और भोजशाला को बंद कर दिया गया.
महाराजा भोज स्मृति बसंत उत्सव समिति द्वारा आयोजित मातृशक्ति सम्मेलन की महिलाएं मां वाग्देवी का तेलचित्र लेकर भोजशाला परिसर पहुंची, जहां उन्होंने पुलिस प्रशासन से भोजशाला के अंदर मां वाग्देवी देवी के तेलचित्र को रख कर पूजा अर्चना की मांग करी पर प्रशासन ने ए.एस.आई के नियमानुसार पूजा अर्चना के लिए भोजशाला में जाने नहीं दिया , जिसके बाद मातृशक्ति सम्मेलन में मौजूद महिलाओं ने मां वाग्देवी के तेल चित्र को भोजशाला के गेट पर रखकर ही उसकी पूजा-अर्चना की.
धार एस.पी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि शुक्रवार होने के चलते भोजशाला में नमाज अदा कराई गई , जिसके बाद महाराजा भोज स्मृति बसंत उत्सव समिति के द्वारा आयोजित मातृशक्ति सम्मेलन में मौजूद महिलाओं ने भोजशाला के गेट पर मां वाग्देवी का तेल चित्र रखकर शांतिपूर्ण तरीके से पूजा-अर्चना करी.