धार।कोरोना से लड़ाई के लिए हुए लॉकडाउन ने सभी सेक्टर को प्रभावित किया है, वहीं लॉकडाउन के दौरान पूरी मेहनत से काम करने वाला किसान भी इससे अछूता नहीं रहा. कम जमीन में ज्यादा उत्पादन के लिए प्रचलित इंटरक्रॉप टेक्निक से खेती करने वाले किसान भी काफी परेशान हैं. धार के छोटे से गांव आंवलिया के किसान सीताराम निगवाल ने भी कर्ज लेकर 3 बीघा जमीन पर सब्जियों की खेती की लेकिन बाजार न मिल पाने के कारण परेशान हैं. मार्च माह में लॉकडाउन के कारण सीताराम निगवाल की प्याज की उपज खराब हो गई, वहीं अब भी मंडियों के न खुलने से उनकी बाकी की फसलों पर खतरा मडरा रहा है.
सीताराम एक तरफ बचे हुए प्याज को होम कोल्ड स्टोरेज में रखकर उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर खेतों में लगी गिलकी-करेला, खीरा और ककड़ी की फसल को लेकर खासे चिंतित हैं. उनका कहना है, यदि समय रहते सब्जियों की बड़ी मंडिया चालू नहीं हुई तो, उनकी सब्जियों की उपज भी खराब हो जाएगा. उन्होंने कहा, पहले ही प्याज की उपज नहीं बिकने के चलते वे बड़ा आर्थिक नुकसान उठा चुके हैं. कर्ज लेकर अब 3 बीघा के खेत में गिलकी-करेला और खीरा की फसल तैयार की है, यदि उनकी यह उपज भी नहीं बिकेगी तो वह कर्ज के तले दब जाएंगे.