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लॉकडाउन में तबाह हुए टेक्निकल किसान, मंडी न मिल पाने के कारण परेशान

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Published : Jun 10, 2020, 3:12 AM IST

राष्ट्रपति से सम्मानित इंटरक्रॉप टेक्निक से खेती करने वाले किसान लॉकडाउन की वजह से खासा परेशान हैं, इन दिनों किसान सब्जियां नहीं बिकने के चलते बड़ा आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं.

Dhar technical farmers destroyed in lockdown
लॉकडाउन में तबाह हुए टेक्निकल किसान

धार।कोरोना से लड़ाई के लिए हुए लॉकडाउन ने सभी सेक्टर को प्रभावित किया है, वहीं लॉकडाउन के दौरान पूरी मेहनत से काम करने वाला किसान भी इससे अछूता नहीं रहा. कम जमीन में ज्यादा उत्पादन के लिए प्रचलित इंटरक्रॉप टेक्निक से खेती करने वाले किसान भी काफी परेशान हैं. धार के छोटे से गांव आंवलिया के किसान सीताराम निगवाल ने भी कर्ज लेकर 3 बीघा जमीन पर सब्जियों की खेती की लेकिन बाजार न मिल पाने के कारण परेशान हैं. मार्च माह में लॉकडाउन के कारण सीताराम निगवाल की प्याज की उपज खराब हो गई, वहीं अब भी मंडियों के न खुलने से उनकी बाकी की फसलों पर खतरा मडरा रहा है.

लॉकडाउन में तबाह हुए टेक्निकल किसान

सीताराम एक तरफ बचे हुए प्याज को होम कोल्ड स्टोरेज में रखकर उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर खेतों में लगी गिलकी-करेला, खीरा और ककड़ी की फसल को लेकर खासे चिंतित हैं. उनका कहना है, यदि समय रहते सब्जियों की बड़ी मंडिया चालू नहीं हुई तो, उनकी सब्जियों की उपज भी खराब हो जाएगा. उन्होंने कहा, पहले ही प्याज की उपज नहीं बिकने के चलते वे बड़ा आर्थिक नुकसान उठा चुके हैं. कर्ज लेकर अब 3 बीघा के खेत में गिलकी-करेला और खीरा की फसल तैयार की है, यदि उनकी यह उपज भी नहीं बिकेगी तो वह कर्ज के तले दब जाएंगे.

मंडी न खुलने से सड़ गई प्याज

लॉकडाउन की वजह से सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को होने वाले नुकसान पर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. केएस किराड ने कहा, निश्चित ही लॉकडाउन की वजह से सब्जी की खेती करने वाले किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है. उनकी सब्जी की उपज खेतों में ही खराब हुई है. यदि समय रहते बड़ी मंडियां नहीं खुली तो यह नुकसान और बढ़ जाएगा. इसके लिए किसानों को चाहिए की छोटे-छोटे समूह बनाकर सीधे सब्जी के उपभोक्ताओं से संपर्क कर सब्जी बेचें और अपने आर्थिक नुकसान को कम करें.

बता दें कि सीताराम निगवाल इंटरक्रॉप टेक्निक से खेती करने के लिए राष्ट्रपति से पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि अंत्योदय पुरस्कार भी पा चुके हैं. बरहाल, इंटर क्रॉप टेक्निक से भले ही सीताराम ने बंपर सब्जियों का उत्पादन कर लिया हो लेकिन लॉकडाउन की वजह से मंडी न मिल पाने के कारण उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया है. अब ये सब्जी किसान बस सरकार का मुंह ताक कर बैठे हैं कि सरकार कब मंडियां खुलवाए और उन्हें होने वाले आर्थिक नुकसान से राहत दिलाए.

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