देवास। पर्यावरण को संतुलित करने के लिए सरकार बड़ी राशि खर्च कर पौधा रोपण करवाती है, लेकिन जिम्मदारों की लापरवाही से विशालकाय सागवान के पेड़ों की अवैध कटाई जारी है. कन्नौद वनपरिक्षेत्र के कुसमानिया का जंगल इन दिनों लकड़ी माफियाओं के निशाने पर हैं. जंगल में कही भी कटे हुए पेड़ों के ठूंठ आसानी से देखे जा सकते हैं. वन विभाग जंगल की सुरक्षा के तमाम दांवे करता है. लेकिन जमीनी स्तर पर नजारा कुछ और ही दिखाई देता है. लकड़ी माफिया पेड़ों की अवैध कटाई करके मौके पर ही सिल्लियां बनाते हैं. काम की लकड़ी अपने साथ ले जाते है. बाकी अवशेष छोड़ कर चले जाते हैं. लकड़ी का परिवहन भी वाहनों से किया जा रहा है.
- कुसमानिया सबरेंज का मामला
जानकारी के अनुसार कन्नौद वनपरिक्षेत्र के जंगल में सागवान के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है. जिसका ताजा उदाहरण कुसमानिया सबरेंज के कक्ष क्रमांक 180 एवं 182 में आसानी से देखा जा सकता है. यह कक्ष खुर्दलीखेड़ा से क्षेमरी देवी मार्ग से लगा हुआ है. इस कक्ष में अनगिनत विशालकाय सागवान के पेड़ों की अवैध कटाई हुई है.
- मौके पर बनाई गई सिल्लियां
साथ ही मौके पर लकड़ी माफियाओं ने सिल्लियां भी बनाई है. जंगल से वाहन से परिवहन किया जा रहा है. इस कक्ष में ठूंठों को क्षेमरी देवी धाम माताजी स्थान जाने के दौरान मार्ग से भी स्पष्ट देखा जा सकता है. इन दिनों लकड़ी माफिया जंगल में बेख़ौफ़ होकर हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई करने में लगा है.
- कुछ ठूंठ पर नंबर अंकित किए कुछ बाकी