मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

सूख रही सोयाबीन की फसल, किसानों के माथे पर छाई चिंता की लकीरें

किसान कोरोना से परेशान थे ही कि अब खराब सोयाबीन फसल की मार झेलनी पड़ रही है. मोहाई और नान्दोन गांव के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं. वहीं कृषि विभाग के अनुविभागीय अधिकारी आरके वर्मा किसानों के बीच पहुंचे.

soyabean plants damaged
सूख रहे सोयाबीन के पौधे

By

Published : Jul 3, 2020, 7:25 PM IST

देवास। किसानों की समस्या समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है. इन दिनों सोयाबीन के फसल में अजीब सी बीमारी सामने आने लगी है, जिसके चलते फसल सूख रही है. इस स्थिति को देखते हुए किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं. किसानों को सोयाबीन की सूखती हुई फसल के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यह समस्या किसी एक गांव की नहीं है, बल्कि कन्नौद तहसील के कुसमानिया क्षेत्र के भिलाई, कोलारी, नांदोन, डाबरी, मोहाई गांवों की सोयाबीन की फसल सूखने से किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं. इधर कृषि विभाग के अनुविभागीय अधिकारी आरके वर्मा 3 जुलाई यानि शुक्रवार को किसानों के बीच पहुंचे.

नान्दोन गांव के किसानों ने बताया कि इस बार पर्याप्त मात्रा में बारिश होने से क्षेत्र के किसानों ने सोयाबीन की फसल की अच्छे से बुवाई की है. किसानों की बोवनी भी अच्छी जमी. सभी किसानों ने लगभग खरपतवार नाशक और कीटनाशक दवाइयों का स्प्रे कर हजारों रुपए खर्च किए, लेकिन अब कुछ दिनों से सोयाबीन की फसल की वृद्धि रुक गई, जिसकी वजह से किसान काफी चिंतित हैं. कई किसान तो दोबारा बोवनी करने की तैयारी में जुट गए हैं.

अब तक हजारों रुपए खर्च करने के बाद भी किसानों के हाथ खाली दिखाई दे रहे हैं. किसानों की खराब फसल की सूचना कृषि विभाग के अनुविभागीय अधिकारी आरके वर्मा को मिली तो वह कुसमानिया क्षेत्र के मोहाई गांव और नान्दोन गांव पहुंचे, जहां किसानों को उचित मार्गदर्शन दिया गया.

कृषि अधिकारी आरके वर्मा ने किसानों को बताया कि बोवनी समय से पहले करने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. सोयाबीन की फसल में तना मक्खी, ब्लू बिटिल, सेम्युलुपर जैसी इल्लियों का प्रकोप लगा है, जो कि सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचाती है. हालांकि क्षेत्र के किसानों की फसल पर नजर रखी जा रही है. सूचना मिलने के बाद से ही कृषि विभाग के कर्मचारी किसानों के बीच पहुंच रहे हैं.

कुसमानिया क्षेत्र में कुछ जगह दवाई स्प्रे से भी नुकसान देखा जा रहा है. किसान खरपतवार नाशक दवाई में क्लोरीन की कई डिब्बी मिलाकर स्प्रे कर रहे हैं, जो फसल को काफी नुकसान पहुंचा रहा है. अनुविभागीय अधिकारी ने बताया कि किसानों को अमोनियम सल्फेट और ग्लोकोज स्प्रे का उपयोग करना चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details