देवासl कोरोना संकट बीच मध्यप्रदेश में किसानों के लिए एक बड़ी परेशान खड़ी हो गई है. इन दिनों टिड्डी दल फसलों पर कहर बनकर टूट रहा है. जिसकी वजह से फसलें बर्बाद हो रही हैं. ऐसे में किसान परेशान हैं. टिड्डी दल से फसलों को बचाने के लिए प्रशासन ने किसानों को कई सुझाव दिए हैं. जिसे देवास के खातेगांव के किसान अपना कर फसलों को बचाने की कोशिश में लगे हैं.
कोरोना के बाद किसानों पर टिड्डी दल का कहर, देशी तरीके से भगाने में जुटे किसान - देवास
देवास के खातेगांव में टिड्डी दल के आने से किसानों में हड़कंप मचा हुआ है. टिड्डी दल ने किसानों के फसल को अपना निशाना बनाया है. जिसके बाद किसानों ने टिड्डी दल को थाली बजाकर और धुआं करके खेतों से भगाया.
टिड्डी दल ने बुधवार को खातेगांव में प्रवेश किया. जैसे ही टिड्डियों के आने की सूचना किसानों को मिली तो हड़कंप मच गया. बिजवाड से लेकर नर्मदा के मेल पिपलिया तट पर टिड्डी दल का आगमन से चिंतित किसान अपने बच्चों को लेकर टिड्डी दल को भगाने पहुंचे. किसान महेश दीक्षित बताते हैं कि, एक पेड़ पर 2 मिनट टिड्डी दल का आक्रमण हुआ. जिसके बाद फसलों को भी नुकसान पहुंचाने लगी. किसानों ने टिड्डी दल को थाली बजाकर और धुआं करके खेतों से भगाया. किसान की मूंग की फसल इन दिनों खेतों में लहलहा रही है. वहीं कुछ किसानों के फसल की कटाई हो रही है. ऐसे में टिड्डी दल के हमले ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है.
सूचना मिलते ही विधायक आशीष शर्मा और एसडीएम केसी पर्ते टिड्डी प्रभावित बागनखेड़ा क्षेत्र में पहुंचे. जहां उन्होंने मूंग की फसल का निरीक्षण किया. एसडीएम पर्ते ने बताया कि, कन्नौद अनुविभाग क्षेत्र में टिड्डी दल के आने की जानकारी पूर्व से होने के कारण कृषि एवं राजस्व अमला पहले से ही चौकस था. जैसे ही कन्नौद, खेरखेड़ा, किलोदा बी, रतवाय, चपलासा, रायपुरा, बुरटखेड़ा, डांगराखेड़ा, कोठड़ी, गुडवेल, दावतपुरा, अंबाडा, खारपा, गादिया, बुरूट, पीपलकोटा आदि ग्रामों में टिड्डी दल आया. वैसे ही कई ग्रामों में उन्हें भगाने के लिए ग्रामीणों ने थाली, ढोलक, झांझ- मंजीरे आदि जोर-जोर से बजाना प्रारंभ कर दिया.