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दमोह के दंगल में पूतना की एंट्री! केंद्रीय संस्कृति मंत्री की नजर में पूतना कौन

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल के हाल में दिए गए विवादित बयान को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. तो वहीं भाजपा भी इस बयान के बाद दो गुटों में बंटती नजर आने लगी है. ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी की मंत्री के बयान का चुनाव पर कितना असर पड़ता है.

केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल
केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल

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Published : Apr 15, 2021, 7:52 AM IST

Updated : Apr 15, 2021, 9:45 AM IST

दमोह। केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल के लक्ष्मण कुटी में दिए गए बयान के बाद अब भाजपा दो फाड़ होती नजर आ रही है. उनके बयान की पार्टी के कार्यकर्ता जमकर निंदा कर रहे हैं. ऐसे में इसका असर चुनाव परिणाम में भी देखने को मिल सकता है.


मंत्री ने दिया चौंकाने वाला बयान

दरअसल, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए राहुल सिंह का बिकाऊ टिकाऊ का मुद्दा जोर पकड़ रहा है. ऐसे में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के एक बयान ने भाजपा की मुश्किलें और भी बढ़ा दी हैं. बमुश्किल एकजुट हुई भाजपा अब फिर से दो फाड़ हो रही है. इसका सीधा असर यदि चुनाव पर पड़े तो कोई हैरानी की बात नहीं है. दरअसल 13 अप्रैल को लक्ष्मण कुटी धाम में ज्योतिरादित्य सिंधिया की आमसभा आयोजित की गई थी, जिसमें संस्कृति मंत्री भी शामिल थे. उन्होंने यहां एक बेहद चौंकाने वाला बयान दे डाला. उन्होंने मंच से नाम लिए बगैर जयंत मलैया पर जिस तरह आरोप और तंज कसे उससे लोग हैरान और खासे नाराज हो गए हैं.

पूतना और बहरूपिया कौन है

सभा को संबोधित करते हुए पटेल ने कहा कि 'मैं यहां 7 साल से सांसद हूं. मेरे आने के पहले छोटे से चुनाव को जातिवाद का मुद्दा बना दिया जाता था. जातिगत भेदभाव होता था. लोगों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिए जाते थे. सब काम पूतना रूपी बहरूपिया द्वारा किया जाता था. उनका इशारा स्पष्ट तौर पर तत्कालीन वित्त मंत्री जयंत मलैया की ओर था. हालांकि ,उन्होंने मलैया का नाम तो नहीं लिया लेकिन यह विदित है कि पिछले 16 वर्ष से प्रदेश में और 7 साल से केंद्र में भाजपा की सरकार है.

पटेल यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि मेरे आने के पहली यहां पर खूब छल प्रपंच हुए हैं. क्या कारण है कि 2018 के चुनाव में लोगों ने जयंत मलैया को चुनाव हरा दिया अब एक बार फिर लोगों को बहला-फुसलाकर छल प्रपंच के द्वारा भाजपा को हराने की चेष्टा की जा रही है. लेकिन याद रखें कि जो ऐसा छल प्रपंच कर रहे हैं उनको मैं बता देना चाहता हूं कि भाजपा या राहुल का भविष्य तो खत्म नहीं होगा. लेकिन उन लोगों का राजनीतिक भविष्य जरूर खत्म हो जाएगा.

बड्डा के बेटे को किसने फंसाया

पटेल ने आगे कहा कि बड्डा (जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल) के बेटे को हत्या के केस में झूठा किसने फंसाया? उस समय लोकसभा के चुनाव थे. मैं व्यापारी नहीं हूं. मैं सच्चाई का साथ देने वाला हूं. मैं अपने कार्यकर्ता के साथ जीता हूं. अपने कार्यकर्ता के साथ मरता हूं. कौन जिम्मेदार है इसके लिए ? इस आधार पर चुनाव परिणाम नहीं बदले जाने चाहिए. आज वही पूतना हमारा सर्वनाश कर देना चाहती है. सारा दमोह यह बात जानता है.

बयान के बाद विरोध शुरू

प्रहलाद पटेल के बयान के बाद दमोह में राजनीतिक पारा चढ़ गया है. एक कार्यकर्ता ने लिखा है शर्म आनी चाहिए उनको जयंत जैसे नेता की बेइज्जती बहुत भारी पड़ेगी. एक अन्य कार्यकर्ता ने विरोध स्वरूप राहुल सिंह का पोस्टर शेयर किया है.

क्या हैं बयान के मायने

केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल का इस तरह का अजीब बयान उनके कार्यकाल के 7 साल बाद आया है. क्या मायने हैं इस बयान के इस पर भी शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह बयान देकर प्रहलाद पटेल ने दो तीर चलाए हैं. पहला तो यह कि इससे भाजपा को जो नुकसान होगा उससे राहुल चुनाव हार भी सकते हैं, तथा सत्ता के दो केंद्र नहीं बन पाएंगे. दूसरा सीधे शब्दों में मलैया और उनके समर्थकों के लिए चेतावनी है कि उनका कार्यकाल पूर्ण हो चुका है. अब सत्ता के केंद्र में वही हैं. दूसरी ओर मुख्यमंत्री बार-बार जयंत मलैया की तारीफ कर रहे हैं. उनके बंगले पर जा रहे हैं. साथ ही उन्हें प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर भी मुहैया करा दिया है. ऐसे में इस तरह का बयान आना कहीं राहुल का भविष्य कूटनीतिक तरीके से तापने का संदेश तो नहीं है.

Last Updated : Apr 15, 2021, 9:45 AM IST

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