दमोह। दमोह और पथरिया विधानसभा की सीमा से लगी कोपरा नदी पर पुल नहीं होने के कारण लोगों को इस पार से उस पार जाने के लिए अपनी जान का जोखिम उठाना पड़ रहा है. लोग हादसों को निमंत्रण देती नाव में सवार होकर रस्सियों के सहारे एक पार से दूसरे पार जा रहे हैं. इसमें बच्चे भी शामिल हैं तो महिलाएं भी हैं और नाव चलाने वाले लोगों का दावा है कि सुरक्षा के लिए वह लोग पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रहे हैं.
जुगाड़ की नाव से ग्रामीण पार कर रहे नदी, मेले में शामिल होने खतरे में डाल रहे जान
मकर संक्रांति के मेले में शामिल होने का जोश इस तरह है कि लोग अपनी जान का जोखिम उठाकर भी मेले में शामिल होना चाहते हैं. यही कारण है कि दमोह जिले में लोग एक नदी को पार करने के लिए ट्यूब और लकड़ियों के सहारे से बनी नाव पर बैठकर नदी पार करके आ जा रहे हैं.
बीजेपी के पूर्व विधायक लखन पटेल के गांव में भरने वाले इस मेले में शामिल होने के लिए लोग जान का जोखिम उठा रहे हैं. इतना ही नहीं कुछ पुलिस वाले भी इस नाव का प्रयोग कर एक बार आते-जाते दिखाई दिए. इन पुलिस वालों का भी कहना है कि सुरक्षा के इंतजाम के लिए नाविकों से कहा गया है, लेकिन उन्होंने कहा कि नदी गहरी नहीं है इसलिए असुरक्षा भी नहीं है.
संक्रांति से लगने वाले मेले में शामिल होने के लिए आने वाले ये लोग जान का जोखिम तो उठा रहे हैं, और नदी पार करने के लिए ऐसी नाव का सहारा ले रहे हैं. जो कभी भी हादसे का शिकार हो सकती है. लेकिन फिर भी लोग अपने परिवार के साथ जिसमें बच्चे भी हैं, महिलाएं भी हैं. उनके साथ जोखिम भरी नाव का सफर करने लालायित दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में किसी भी हादसे के होने पर इसका कौन जिम्मेदार होगा.