दमोह।जिले के बांदकपुर में स्थित जागेश्वर नाथ धाम में हर त्यौहारों पर वैसे तो भीड़ होती है, लेकिन विशेष अवसरों पर और भी ज्यादा लोग यहां पर पहुंच कर भगवान भोले नाथ के दर्शन करते है. इस साल कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर परिसर को बंद कर दिया गया था, जिससे लोगों का आवागमन भी पूरी तरह से प्रतिबंध था. लेकिन सोमवती अमावस्या की वजह से एक बार फिर भगवान भोलेनाथ का दरबार भक्तों से सराबोर हो गया. मंदिर में सुबह से ही भक्त पहुंचकर भगवान भोलेनाथ को जल अर्पित करते दिखे.
सोमवती अमावस्या पर जागेश्वर नाथ मंदिर में दिखी श्रद्धालुओं की भीड़, भक्तों की मुराद होती है पूरी ! - Recognition of 13th Jyotirlinga
सोमवती अमावस्या पर जागेश्वर नाथ मंदिर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली, मंदिर में सुबह से ही भक्त पहुंचकर भगवान भोलेनाथ को जल अर्पित किया और अपनी आस्था प्रकट की.
वहीं मंदिर के पुजारी सीतू पंडा ने बताया कि इस स्थान को 13वें ज्योतिर्लिंग की मान्यता प्राप्त है. बुंदेलखंड में रहने वाले लोग विशेष रूप से यहां पर आते हैं. 12 ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने के बाद यदि यहां दर्शन नहीं किया जाता है, तो धर्म यात्रा अधूरी मानी जाती है. साथ ही उन्होंने बताया कि जागेश्वर नाथ तिल-तिल बढ़ते हैं, इस बात का प्रमाण भगवान को पहनाई जाने वाली वस्त्रों से होता है. वस्त्र हर साल छोटे होते जाते हैं. जागेश्वर नाथ भगवान भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं. मनोकामना मांगने पर भक्त उलटे हाथ लगाते हैं, जबकि मनोकामना पूरी होने पर सीधे हाथ लगाने की परंपरा है. यहां आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं जागेश्वर नाथ पूरी करते हैं.