छिंदवाड़ा। सरहद के जवानों की कलाइयां भी रक्षाबंधन के मौके पर सूनी नहीं रहेंगी. शहीद मेजर अमित ठेंगे स्मृति समिति से जुड़ी महिलाएं हर साल की तरह इस साल भी रक्षासूत्र भेज रहीं हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस बार राखियां सेनिटाइज कर भेज रहीं हैं. शहीद मेजर अमित ठेंगे स्मृति समिति से जुड़ी बहनें जम्मू, श्रीनगर, भुज, असम , छत्तीसगढ़ और जयपुर के बीएसएफ एवं सीआरपीएफ के जवानों के लिए रक्षा सूत्र भेजती हैं.
2014 से लगातार हर साल शहीद अमित ठेंगे स्मृति समिति द्वारा सरहद पर देश की रक्षा कर रहे वीर जवानों के लिए राखियां भेजती हैं. शहीद अमित ठेंगे स्मृति समिति में शामिल अमित ठाकरे की माताजी और कुछ महिलाओं ने भुज बॉर्डर-2013 भारत-पाक सीमा पर गए थे जहां उन्होंने देश की सीमाओं पर 24 घंटे खड़े वीर जवानों को वहां जाकर राखी बांधी थी.