छिंदवाड़ा।परंपरागत खेती को छोड़कर लोग अब व्यावसायिक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं लेकिन इसी के साथ साथ सब्जी फसलों में अंधाधुंध रासायनिक खाद और कीटनाशकों का भी उपयोग किया जा रहा है. खेती में रसायनिक उर्वरक के अंधाधुंध उपयोग और खेती की बढ़ती लागत को कम करने किसान एक बार फिर गौ आधारित प्राकृतिक खेती अपना रहे हैं. परासिया विकासखंड के कुंडाली खुर्द निवासी किसान केवल प्रसाद चंद्रवंशी महज छह गायों के भरोसे छह एकड़ में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं.
6 गायों की मदद से 6 एकड़ में कर रहे रासायनिक खेती:केवल प्रसाद चंद्रवंशी बीते 2 साल से गौ आधारित प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. चंद्रवंशी के पास लगभग 16 एकड़ खेत है. उन्होंने प्राकृतिक पद्धति से 1.5 एकड़ में मिर्च एवं एक एकड़ में करेला फसल लगाई गई थी. उन्होंने 12 से 13 लाख रुपए की फसल बाजार में बेची. उत्साहित होकर उन्होंने इस साल 2 एकड़ में मिर्च, 3 एकड़ में टमाटर, एक एकड़ में करेला और गिलकी की फसल तैयार की है. केवल प्रसाद चंद्रवंशी के पास 6 देशी गाय हैं, जिससे वे 6 एकड़ में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. पशु चारे के लिए उन्होंने नेपियर घास उत्पादन एवं एजोला यूनिट का निर्माण भी किया है. कीटों को रोकने के लिए प्रकाश प्रपंच के साथ खेत के चारों ओर गेंदे की फसल भी लगाई है.