छिंदवाड़ा। लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम में बीजेपी ने जो ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, उसे नरेंद्र मोदी सुनामी का असर कहा जा रहा है. देश के साथ मध्यप्रदेश में मोदी की सुनामी ऐसी चली की कांग्रेस कई दिग्गज धराशायी हो गए. लेकिन सीएम कमलनाथ के किले को मोदी की सुनामी भी हिला नहीं पाई.
लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ और पिता सीएम कमनलाथ ने आमचुनाव में जीत दर्ज की. आजादी के बाद से छिंदवाडा़ लगातार कांग्रेस के कब्जे में रही. छिंदवाड़ा सीट को बचाने में इस बार कमलनाथ फिर कामयाब रहे. इस बार उनके बेटे नकुलनाथ ने बीजेपी के नत्थनशाह कवरेती को 37 हजार 5 सौ 36 वोटों से हराकर प्रदेश की लाज बचाई है.
कांग्रेस नहीं कमलनाथ की जीत
अगर छिंदवाड़ा की सतही राजनीति को देखा जाए तो यहां कांग्रेस सिर्फ निशान के लिए अपनाई जाने वाली पार्टी है.. जबकि असली जनाधार तो कमलनाथ का ही है. क्योंकि जिले की जनता से सीधा जुड़ाव और लगातार हो रहे जिले में विकास के कारण ही 40 सालों से कमलनाथ छिंदवाड़ा के अजेय योद्धा बने हुए हैं. इस बार भी मोदी की लहर के बाद कमलनाथ ने अपने किले को बचाते हुए बेटे को चुनाव जिताया है.
छिंदवाड़ा में भी मोदी लहर का असर
बीजेपी ने आदिवासी कार्ड खेलते हए नत्थनशाह कवरेती को छिंदवाड़ा मैदान में उतारा था. जो कमलनाथ के कद के सामने काफी छोटा चेहरा था, जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा रहा था कि नकुलनाथ इस बार पिता का रिकॉर्ड तोड़ते हुए लाखों वोटों से चुनाव जीतेंगे, लेकिन मोदी लहर के चलते नकुलनाथ को 37 हजार 5 सौ 36 वोटों से जीत मिल पाई है. खुद नकुलनाथ का मानना है कि मोदी लहर का ही ये नतीजा है.