छिंदवाड़ा। नंदवानी और मुनगापार के किसान पिछले 8 दिनों से तालाब के किनारे धरने पर बैठे हैं. किसानों ने सरकार से 11 मांगों के लिए आवेदन किया है. किसानों का कहना है कि उनकी जमीन अधिग्रहण गलत तरीके से की गई है. जिससे कारण उन्हें सरकार से कोई लाभ नहीं मिला है. किसानों ने कहा है कि अगर सरकार उनकी बात नहीं मानती है तो वे उग्र आंदोलन करेंगे. हालांकि प्रशासन ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया है.
जमीन अधिग्रहण के विरोध में किसानों ने निकाली बैलगाड़ी यात्रा - जमीन अधिग्रहण छिंदवाड़ा
छिंदवाड़ा मोहगांव में बने बांध के लिए प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण की थी, जिसके विरोध में किसान 8 दिनों से बांध में ही हड़ताल पर बैठे हैं. जब प्रशासन ने उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया तो वे आवेदन देने के लिए बैल गाड़ी से एसडीएम कार्यालय पहुंच गए.
बैलगाड़ी यात्रा
साल 2014 में किया गया था जमीन का अधिग्रहण
किसानों का कहना है कि उनकी जमीन का अधिग्रहण साल 2014 में किया गया था. सरकार ने जमीन अधिग्रहण के कानून में बदलाव किया था जिसके तहत नगरीय निकाय इलाके की जमीन का 2 गुना मुआवजा देने की बात थी, वह सरकार ने नहीं दी. इतना ही नहीं उनके सिंचित जमीन को असिंचित दिखाकर अधिग्रहण किया गया जिससे मुआवजे की राशि भी कम मिली. सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से उन्हें स्टांप शुल्क के में भी छूट नहीं दी गई.