छिंदवाड़ा। लॉकडाउन के चलते किसान की सब्जी की फसल बर्बाद हो गई, जिसकी वजह से उसके पास अपने बैल के इलाज के लिए पैसे भी नहीं थे, लिहाजा किसान ने अपने बेटों को ही हल में जोत दिया और खेतों में काम करना शुरू कर दिया. मामले के बारे में जब प्रशासन को जानकारी मिली तो किसान को तुरंत मदद मुहैया कराई.
बैल के इलाज के लिए नहीं थे पैसे तो बेटों को ही बैल बनाकर जोता खेत
छिंदवाड़ा जिले में लॉकडाउन के चलते किसान की सब्जी की फसल बर्बाद हो गई, घाटे के चलते उसके पास अपने बीमीर बैल के इलाज के लिए पैसे भी नहीं थे, इसलिए किसान ने अपने बेटों को ही बैल बनाकर खेतों में काम करना शुरू कर दिया.
मामला छिंदवाड़ा के शहरी इलाके सांवलेबाड़ी का है, जहां पर रहने वाले किसान जयदेव दास के पास करीब ढाई एकड़ जमीन है, जिसमें वे सब्जी की खेती करते हैं. लॉकडाउन की वजह से इस बार बाजार नहीं खुले और उनकी सब्जी नहीं बिकी खेतों में लगी बैंगन पूरी तरह से बर्बाद हो गई, जिसके चलते उन्हें काफी घाटा हुआ. किसान ने बताया कि उनके पास दो बैल थे, जिसमें से एक बैल बीमार हो गया बैल के इलाज के लिए पैसे नहीं थे तो उन्होंने अपने दोनों बेटों को हल में जोतकर काम कराना शुरू कर दिया.
इस मामले की जानकारी जैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंची तो उन्होंने किसान के घर की तरफ दौड़ लगाकर उसे सहायता पहुंचाने की बात कही, मौके पर पहुंचे नगर निगम कमिश्नर राजेश शाही ने बताया कि किसान संपन्न तो है, लेकिन उसके खेत की फसल बर्बाद हो गई है, जिसके चलते उन्होंने अपने बेटों को भी काम पर लगा दिया था.