छिन्दवाड़ा। हर इंसान पढ़ लिखकर कुछ बड़ा करना चाहता है. वह कामयाबी हासिल करने के लिए जिंदगी भर मेहनत करता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इस तरह की मेहनत खुद के लिए नहीं दूसरों को कुछ बनाने के लिए करते हैं. जी हां खुद की तरक्की तो सब के लिए अहम होती है, लेकिन वायुसेना में देश की सेवा कर रहे ऐसे जवान के लिए दूसरों की तरक्की मायने रखती है. वायुसेना में पदस्थ अंशुल चाहते हैं कि 2023 तक छिंदवाड़ा सोल्जर सिटी के नाम से अपनी पहचान बनाए. जिसके लिए वो खुद जिले के युवाओं को सेना में भर्ती के लिए फ्री में फिजिकल ट्रेनिंग दे रहे हैं.Chhindwara Soldier City, girls hard working for Agniveer scheme
अग्निवीर के लिए बेटियां कर रही तैयारी: आमतौर पर देखा जाता है की सेना में युवक ही अधिकतर जाने की चाहत रखते हैं, लेकिन अब छिंदवाड़ा की बेटियां भी बॉर्डर पर जाकर देश की सेवा करना चाहती हैं. जिसके लिए सरकार की अग्निवीर योजना में शामिल होकर वे देश सेवा करना चाह रहे हैं. अंशुल की फिजिकल ट्रेनिंग क्लास में भी करीब 50 बेटियां हर दिन सुबह ट्रेनिंग लेने जा रही हैं. इनमें से कई बेटियों का चयन पुलिस और बीएसएफ के प्राथमिक चरण में हो चुका है, लेकिन वे लगातार अग्निवीर में जाने के लिए तैयारी कर रही हैं.
Chhindwara Soldier City अग्निवीर बनने के लिए बेटियां कर रही तैयारी, छिंदवाड़ा को सोल्जर सिटी बनाने का सपना
आज के समय में हर इंसान कुछ हासिल करने के लिए जी जान से मेहनत कर रहा है, लेकिन छिंदवाड़ा के अंशुल अपनी मेहनत खुद के लिए नहीं बल्कि अपने शहर के युवाओं को सेना में भर्ती कराने के लिए कर रहे हैं. अंशुल का सपना है कि छिंदवाड़ा को सोल्जर सिटी के नाम से जाना जाए. लिहाजा इसके लिए वे युवाओं को ट्रेनिंग देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.Chhindwara Soldier City, Central government Agniveer scheme, girls hard working for Agniveer scheme
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छिंदवाड़ा को सोल्जर सिटी बनाने का है सपना:पांचवीं क्लास से ही देश सेवा की ठान चुके अंशुल पहाड़े ने पहले तैयारी की और फिर वायुसेना में भर्ती हुए. अधिकतर लोग सेना में भर्ती होना चाहते हैं, लेकिन महंगी शिक्षा युवाओं के सपनों पर पानी फेर रही थी. जिसका बीड़ा खुद अंशुल पहाड़े ने उठाकर युवाओं को फ्री में फिजिकल ट्रेनिंग देना शुरु किया. अब तक सौ से ज्यादा जवान देश सेवा में लगा चुके हैं. करीब 150 से ज्यादा को ट्रेनिंग दे रहे हैं. अंशुल हर तीन महीने में छुट्टी लेकर छिंदवाड़ा आते हैं और युवाओं के लिए ट्रेनिंग कैंप लगाते हैं. इतना ही नहीं जिन युवाओं के सपनों में आर्थिक तंगी आड़े आती है, उनके लिए सैनिक के दोस्त स्वयं सेवी संगठन मिलकर रहने से लेकर खाने और जरुरतों का सारा सामान देते हैं. उनका सपना सिर्फ एक है, लोगों को देश सेवा से जोड़ना और छिंदवाड़ा को सोल्जर सिटी बनाना. आज जहां इंसान खुद के अलावा और कुछ सोचने की जहमत भी नहीं उठाता है वहां पर अंशुल जैसे जवान का सपना और काम लोगों के लिए मिशाल है.(Chhindwara Soldier City) (Central government Agniveer scheme) (girls hard working for Agniveer scheme)