खजुराहो।खजुराहो नृत्य समारोह का समापन पर विदेशी सैलानी भारतीय कला का ये रूप देखकर मोहित हो गए. गोपिका का मोहिनी अट्टम, अरूपा और उनके साथियों की भरतनाट्यम ओडिसी और मोहिनीअट्टम की प्रस्तुति को विदेशियों ने खूब सराहा. पुष्पिता और उनके साथियों का नृत्य भी विदेशी सैलानियों को खूब पसंद आया. अंतिम दिन नृत्य की शुरुआत गोपिका वर्मा के मोहिनीअट्टम से हुई. भारत की सांस्कृतिक दूत के रूप में विख्यात गोपिका ने गणेश स्तुति से अपने नृत्य की शुरुआत की. चित्रांगम् नाम की इस प्रस्तुति में उन्होंने नृत्यभावों से गणेश जी के स्वरूप को साकार किया.
कृष्ण और रुक्मणी के पांसे का गेम :अगली प्रस्तुति भी शानदारी रही. इसमें कृष्ण और रुक्मणी पांसे खेल रहे हैं तो रुक्मणी कृष्ण से कहती हैं कि अगर मैं ये खेल जीतती हूं तो आपको मुझसे ये वादा करना होगा कि आज के बाद आप किसी भी स्त्री को हाथ नहीं लगाएंगे. आप सिर्फ उन्हें देख सकते हैं पर स्पर्श नही कर सकते. कृष्ण ये बात मान जाते हैं और वे जब खेलना शुरू करते हैं. रुक्मणी जीत रही होती हैं और कृष्णा डरे हुए हैं कि अगर हार गए तो किसी भी गोपस्त्री को स्पर्श नहीं कर पाएंगे तो कृष्ण रुक्मणी की आँखों मे देखते हैं, जिसके कारण वो गलती करती हैं. रुक्मणी हार जाती हैं. इस पूरी कहानी के भाव को गोपिका ने बड़ी शिद्दत से नृत्यभावों में पिरोकर पेश किया.