छतरपुर। बुंदेलखंड का नाम रट-रट कर कितने अनपढ़ विद्वान बन गये, लेकिन वहां के लोगों की दीन-हीन दशा आज भी उनकी बेबसी की गवाही दे रही है. हर चुनाव में बुंदेलखंड की बदहाली का मुद्दा जोर शोर से गूंजता है, पर चुनाव बाद गधे के सिर से सींग जैसे गायब हो जाता है. बुंदेलखंड की सियासत का केंद्र मानी जाने वाली खजुराहो सीट पर कांग्रेस ने तो अपना पत्ता खोल दिया है, जबकि चार बार बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती की जीत का गवाह रही इस सीट पर अब बीजेपी पशोपेश में है कि आखिर वह किस पर दांव लगाये. हालांकि, 1999 में आखिरी बार कांग्रेस यहां जीती थी, तब से यहां बीजेपी का कब्जा है.
कांग्रेस ने खजुराहो से नगर परिषद की अध्यक्ष कविता सिंह पर दांव लगाया है, इनके पति विक्रम सिंह नातीराजा राजनगर से कांग्रेस विधायक हैं, कविता छतरपुर के शाही परिवार से संबंध रखती हैं, जबकि विक्रम सिंह की जमीनी पकड़ मानी जाती है. ऐसे में बीजेपी किसी दमदार प्रत्याशी की तलाश में है. छतरपुर, पन्ना और कटनी तक फैले इस क्षेत्र में बीजेपी ने पिछले चुनाव में नागौद राजपरिवार के सदस्य और पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया था, जबकि कांग्रेस ने दमोह के पूर्व मंत्री राजा पटेरिया को मैदान में उतारा था. आठ विधानसभा सीटों वाले संसदीय क्षेत्र में 6 सीटों पर बीजेपी और 2 पर कांग्रेस काबिज है.