छतरपुर। बुंदेलखंड पिछले कई सालों से लगातार सूखे की चपेट में है. भले ही भारत के कई राज्य में लोग लगातार हो रही बारिश से परेशान हो, लेकिन बुंदेलखंड में सूखे के हालात दिखाई दे रहे हैं. नदियां सूखी पड़ी हुई है और लोग बारिश का इंतजार कर रहे है.
बुंदेलखंड में सूखे की आहट, किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें
छतरपुर में लोग सूखे की मार झेल रहे हैं. उर्मिल बांध बुंदेलखंड का एकमात्र ऐसा बांध है, जो मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश को जोड़ता है, लेकिन बारिश न होने की वजह से डेम सूखता जा रहा है, जिससे किसान चिंतित हैं.
आपको बता दें कि उर्मिल डैम बुंदेलखंड का एकमात्र ऐसा बांध है, जो एमपी और यूपी दोनों राज्यों को जोड़ता है. इसका आधा हिस्सा महुआ में आता है, तो आधा छतरपुर जिले में आता है. इस बांध की वजह से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिले सिंचित होते हैं. इस बार पानी ना होने की वजह से किसानों के चेहरे में चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है.
खेती करने वाले एक किसान रामपाल पटेल बताते हैं कि पिछले आठ-दस सालों से बुंदेलखंड के क्षेत्रों में सूखा पड़ रहा है, और अगर ऐसा ही चलता रहा तो खेती किसानी तो दूर लोगों को पीने के लिए पानी भी नहीं मिलेगा.उर्मिल डैम के पानी से काफी राहत मिल जाती थी. खेती किसानी में दो से तीन बार पानी सिंचाई के लिए मिल जाता था, लेकिन इस बार उसकी भी उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है.