छतरपुर। बुंदेलखंड के अधिकांश गांव में फसलों की कटाई शुरू हो गई है. चने और गेहूं की फसल लगभग कटने को तैयार है, लेकिन पृथ्वीपुरा गांव के किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं. किसानों के मुताबिक फसल की पैदावार उम्मीद से काफी कम हुई है. ऐसे में उन्हें एक बार फिर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
चने की पैदावार कम होने से किसान परेशान, सूखे और कीड़ों की पड़ी मार
बुंदेलखंड के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं. चने की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि इस बार सूखे और कीड़ों के कारण पैदावार काफी कम हुई है.
किसानों के परेशान होने की एक बड़ी वजह अचानक से गिरता भू-जलस्तर भी है. किसानों की मानें तो जो फसल पककर तैयार हो गई है, उसमें अभी एक बार और सिंचाई होनी थी, लेकिन आसपास के पानी के स्रोत सूख गए हैं. जिस वजह से खेतों में पानी नहीं पहुंच पाया है.
बुंदेलखंड के अधिकतर गांव मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे हुए हैं. चने की खेती करने वाले किसान ज्यादा परेशान हैं. चने की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि चने की खेती इस बार ठीक नहीं हुई है, उल्टा फसल इल्लियां अलग से लग गई हैं, जिससे काफी नुकसान हुआ है.