भोपाल। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले मोदी सरकार ने सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा करके सियासत में उलटफेर की कोशिश की है. इस फैसले के बाद राजनीतिक दल नए सिरे से अन्य वर्गों को अपने दल से जोड़ने की कवायद में जुट गये हैं.
लोकसभा चुनाव में ओबीसी वोट बैंक को अपने पाले में करने के लिए कांग्रेस ने चला ये दांव - भोपाल
विधानसभा चुनाव में ओबीसी नेताओं को महत्व देकर बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रही कांग्रेस, अब पिछड़ा वर्ग को जोड़ने के लिए नए सिरे से रणनीति तैयार कर रही है.
खासकर पिछले विधानसभा चुनाव में ओबीसी नेताओं को महत्व देकर बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रही कांग्रेस, अब पिछड़ा वर्ग को जोड़ने के लिए नए सिरे से रणनीति तैयार कर रही है. हालांकि, यह रणनीति लोकसभा चुनाव के लिहाज से तैयार की गई है. इस रणनीति तहत प्रदेशभर में पिछड़ा वर्ग के नेताओं की तैनाती नये सिरे से की जा रही है, इन नेताओं का काम पिछड़ा वर्ग को कांग्रेस से जोड़ने का होगा.
राज्यसभा सांसद और मध्यप्रदेश कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग विभाग के अध्यक्ष राजमणि पटेल का कहना है कि लोकसभा को लेकर कांग्रेस पार्टी पूरी सजगता के साथ तैयारी कर रही है. इसके लिए पदाधिकारियों की प्रदेश स्तरीय बैठक भी बुलाई गई है. इस बैठक में जोन वार, सेक्टर वार और लोकसभा वार अपने संगठन के पदाधिकारियों को प्रभार दिया जा रहा है. प्रभार लेने के बाद ये नेता अपने प्रभाव क्षेत्र में जाकर पिछड़ा वर्ग के लोगों को कांग्रेस से जोड़ने का काम करेंगे साथ ही पार्टी की उपलब्धियों की जानकारी लोगों को देंगे. राजमणि ने कहा कि जिस तरह से भाजपा ने धर्म और धर्मांतरण के नाम पर झूठ बोला है और कोरी घोषणाएं की हैं, उनका पर्दाफाश किया जायेगा और कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया जायेगा.