भोपाल।बदलते जमाने के साथ-साथ अपराधियों का तरीका भी बदलता जा रहा है. अब इस आधुनिक जमाने में साइबर आरोपी हाईटेक ठगी की घटना को अंजाम दे रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से मध्यप्रदेश में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. खास तौर पर लॉकडाउन और अनलॉक के दौरान भी इन मामलों में खासी बढ़ोतरी देखी गई है. मध्यप्रदेश में अब झारखंड के जामताड़ा गिरोह की तर्ज पर गैंग भी सक्रिय हो गए हैं. यह गैंग शिवपुरी-श्योपुर और गुना जिले से ऑपरेट किए जा रहे हैं और नए-नए तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं.
शिवपुरी-गुना और श्योपुर में सक्रिय गिरोह
ऑनलाइन ठगी के मामलों में मध्य प्रदेश नया केंद्र बनता जा रहा है. प्रदेश के कुछ जिलों में खासतौर पर शिवपुरी, गुना और श्योपुर में अलग-अलग गैंग सक्रिय है. जो लोगों को नए-नए तरीकों से अपना शिकार बना रहे हैं. बताया जा रहा है कि इनमें से शिवपुरी, गुना स्थित एक गैंग के सरगना ने हरियाणा में ऑनलाइन ठगी करने की ट्रेनिंग ली थी और उसके बाद खुद का 6 सदस्यीय गैंग तैयार कर लिया और अपने गैंग के सदस्यों को भी ट्रेनिंग दी. इसके बाद इस गैंग ने मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों समेत देशभर में ठगी की वारदात को अंजाम दिया. यह गैंग खासतौर पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए सिम प्रोवाइड कराता था. इस गैंग ने देशभर में 2000 से भी ज्यादा सिम कार्ड बेचे हैं. सिम कार्ड लेने वाले भी इनके संपर्क में रहते हैं और उन्हीं फर्जी सिम कार्ड के जरिए जालसाजों ने 60 से 70 लाख रुपए की ठगी की है. राज्य साइबर सेल के पास पहुंची सैकड़ों शिकायतों में से 20 फीसदी जालसाजी इन्हीं तीन जिलों से की गई है.
जालसाज़ अपना रहे नए नए तरीके
मध्यप्रदेश में सक्रिय जालसाज गैंग कभी पॉलिसी तो कभी ईनाम की राशि के नाम पर ठगी कर रहे हैं. इतना ही नहीं केवाईसी अपडेट और महंगे गिफ्ट देने के नाम पर भी जालसाज भोले-भाले लोगों को चूना लगा रहे हैं. लेकिन ई-सिम फ्रॉड ने साइबर अपराध की दुनिया में सनसनी फैला दी है. अब जालसाज ई-सिम के जरिए फ्रॉड कर रहे हैं. ई सिम कार्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप होता है. यह कार्ड टेलीकॉम नेटवर्क पर रजिस्टर्ड करवा कर हासिल किया जा सकता है. जालसाजी करने वाले लोग पहले आपका मोबाइल नंबर पता करते हैं फिर उसे नेट बैंकिंग के लिए ट्राई करते हैं, जैसे ही पासवर्ड मांगा जाता है तो वह व्यक्ति उनके टारगेट पर आ जाता है. फिर जालसाज उसे बैंक कर्मी बनकर कॉल करते हैं और केवाईसी अपडेट करने के नाम पर डिटेल पता कर लेते हैं. इसके अलावा बैंक में रजिस्टर्ड ईमेल आईडी की भी डिटेल्स ले लेते हैं. इसके बाद ईमेल आईडी के जरिए टेलीकॉम कंपनी को ईमेल आईडी चेंज करने की रिक्वेस्ट भेजते हैं और मेल आईडी चेंज होते ही ई-सिम कार्ड के लिए अप्लाई कर देते हैं. ऐसे में उस व्यक्ति के नाम का ई-सिम जालसाज के पास एक्टिवेट हो जाता है और फिर जालसाज ई-सिम के जरिये बैंक अकाउंट को पलक झपकते ही खाली कर देते हैं.