भोपाल। महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट को देखते हुए तेजी से खबर फैली है कि कांग्रेस अपने सभी विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग के डर से भोपाल भेज रही है. हालांकि मप्र कांग्रेस ने इन खबरों को अटकलें बताया है. लेकिन मध्यप्रदेश में पहले भी महाराष्ट्र कि कांग्रेसी विधायक इंदौर में रुक चुके हैं. जानकारों की माने तो जब मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे और महाराष्ट्र में ऐसी ही हालात बने थे, तब वहां के कांग्रेसी विधायको को इंदौर भेजा गया था.
महाराष्ट्र कांग्रेस विधायकों के भोपाल आने पर सस्पेंस
महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बन जाने के बाद तमाम विपक्षी पार्टियों को अपने विधायकों के हॉर्स ट्रेडिंग का डर सता रहा है, इसीलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र के कांग्रेसी विधायकों को भोपाल भेजा जा सकता है, हालांकि अभी प्रदेश कांग्रेस ने इससे इनकार किया है.
इस मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा का कहना है कि यह सब अटकलों की खबरें हैं. अभी तक हमारे पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि विधायकों को भोपाल या मध्यप्रदेश के किसी शहर में लाया जा रहा है. इस बारे में कोई अधिकृत जानकारी नहीं है.
बता दें साल 1998-99 में जब स्वर्गीय विलासराव देशमुख को पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे, तब कांग्रेस के विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग के डर से इंदौर लाया गया था और इंदौर के आरएनटी मार्ग पर स्थित प्रेसिडेंट होटल में रोका गया था. तब इंदौर के तेजतर्रार कांग्रेसी नेता महेश जोशी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी.