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तीन लाख 12 हजार प्रवासी मजदूर पहुंचे मध्य प्रदेश, अन्य राज्यों के मजदूरों को भी भेजा जा रहा उनके घर

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Published : May 15, 2020, 10:00 AM IST

महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान आदि राज्यों से उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखण्ड जाने वाले श्रमिक मध्यप्रदेश होकर गुजर रहे हैं. यह श्रमिक पैदल और अन्य साधनों से मध्यप्रदेश की सीमा पर पहुंचते हैं. सबसे अधिक दबाव सेंधवा की सीमा बिजासन घाट पर है. वहां प्रतिदिन 5 से 6 हजार मजदूर पहुंच रहे हैं. इन श्रमिकों को भोजन, चिकित्सा परीक्षण के बाद नि:शुल्क बसों के माध्यम से देवास ट्रांजिट पर पहुंचाया जा रहा है.

Mission workers continue
मिशन मजदूर जारी

भोपाल। मध्यप्रदेश के लिये श्रमिकों को उनके स्थान तक पहुंचाने की चुनौती अन्य राज्यों की तुलना में थोड़ा अधिक है. एक ओर अन्य प्रदेशों में फंसे मध्यप्रदेश के श्रमिकों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाना है, तो वहीं दूसरी ओर दूसरे प्रदेशों के श्रमिकों को जो मध्यप्रदेश से ट्रांजिट कर रहे हैं, उन्हें उनके राज्यों की सीमा तक पहुंचाना है. देश का हृदयप्रदेश होने के कारण महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान आदि राज्यों से उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखण्ड जाने वाले श्रमिक मध्यप्रदेश होकर गुजर रहे हैं. यह श्रमिक पैदल और अन्य साधनों से मध्यप्रदेश की सीमा पर पहुंचते हैं. सबसे अधिक दबाव सेंधवा की सीमा बिजासन घाट पर है. वहां प्रतिदिन 5 से 6 हजार मजदूर पहुंच रहे हैं. इन श्रमिकों को भोजन, चिकित्सा परीक्षण के बाद नि:शुल्क बसों के माध्यम से देवास ट्रांजिट पर पहुंचाया जा रहा है. वहां से सागर, छतरपुर, गुना और शिवपुरी बसों से पहुंचाया जाता है. इन स्थानों से प्रदेश के दूसरे जिलों के श्रमिकों को उनके जिले में और उत्तरप्रदेश, झारखण्ड और बिहार के श्रमिकों को उत्तरप्रदेश की सीमा तक पहुंचाया जा रहा है.

मिशन मजदूर जारी

सेंधवा सीमा पर पिछले तीन दिनों में लगभग 15 हजार श्रमिकों को भोजन करवा कर उन्हें बसों के माध्यम से देवास होते हुए उनके गंतव्य की ओर भेजा गया है. श्रमिकों की संख्या काफी अधिक होने से बसों की संख्या और फेरे बढ़ाने की सतत कोशिशें की जा रही हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रमिकों मे अपील की है कि, वे धैर्य रखें . उनको भोजन और चिकित्सा जांच के बाद बसों में नि:शुल्क पहुंचाया जाएगा. संकट की इस घड़ी में घबराये नहीं, मध्यप्रदेश सरकार एक-एक श्रमिक को घर पहुंचाएगी. मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलो में श्रमिकों के लिये भोजन, अस्थायी ठहरने, चिकित्सा जांच और बसों की व्यवस्था की गयी है . यह व्यवस्था तब तक जारी रहेगी, जब तक आने वाले सभी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचा नहीं दिया जाएगा . अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी स्टेट कंट्रोल रूम आईसीपी. केशरी ने जानकारी दी है कि, सड़क परिवहन के माध्यम से 22 अप्रैल से 14 मई तक कुल दो लाख 26 हजार 803 श्रमिक वापस लाये गये. इनमें राजस्थान से 50 हजार 908, हरियाणा से 1329, गुजरात से एक लाख 29 हजार 431, उत्तरप्रदेश से 1936, महाराष्ट्र से 39 हजार 281, छत्तीसगढ़ से 3 हजार 865 और दमन एंव दीव से 53 श्रमिक लाये गये हैं , विशेष श्रमिक ट्रेनों से 86 हजार श्रमिकों की घर वापस हुई. केशरी ने जानकारी दी है कि, 14 मई तक 72 विशेष श्रमिक ट्रेनों से 86 हजार श्रमिक विभिन्न प्रदेशों से लाये गये हैं . उन्होंने बताया है कि, दिल्ली से 1100, गोवा से 1200, गुजरात से 27,694, हरियाणा से 15025, कर्नाटक से 2270, केरल से 2251, महाराष्ट्र से 26,572, पंजाब से 2617 और तेलंगाना से 5777 श्रमिक वापस लाये जा चुके हैं . इसके अलावा अंतर्राज्यीय ट्रेन के माध्यम से 1200 लोग आये हैं . यह सिलसिला लगातार जारी है. अब तक 90 ट्रेनों का रिक्विजिशन भेजा जा चुका है .

प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि, विभिन्न प्रदेशों से अभी तक कुल 3 लाख 12 हजार प्रवासी मजदूर मध्यप्रदेश लौट आए हैं . इनमें से 86 हजार मजदूर 72 ट्रेन के माध्यम से प्रदेश वापस लौंटे हैं तथा 2 लाख 26 हजार मजदूर बसों आदि के माध्यम से आए हैं. महाराष्ट्र से 68 हजार मजदूर 25 ट्रेन के माध्यम से, गुजरात से 01 लाख 58 हजार मजदूर 23 ट्रेन के माध्यम से मध्यप्रदेश आए हैं. हरियाणा से 12 और तेलंगाना से 05 ट्रेने आयी हैं. अभी मजदूरों का आना जारी है. उन्होंने कहा कि, सरकार की ओर से बेहतर इंतजाम किए गए हैं और जितने भी मजदूर मध्यप्रदेश आ रहे हैं उन्हें गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा मध्य प्रदेश की सीमाओं में आने वाले अन्य प्रदेशों के मजदूरों को भी पैदल चलने नहीं दिया जा रहा है. बल्कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद इन मजदूरों को भी अन्य सीमाओं तक पहुंचाने के लिए बस की व्यवस्था की गई है .

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