भोपाल।कोरोना संक्रमण के चलते मार्च माह से ही सैनिकों के शौर्य को समर्पित शौर्य स्मारक को बंद कर दिया गया था, इस दौरान प्रदेश सरकार के द्वारा अनलॉक प्रक्रिया के तहत इसे एक बार फिर से आम पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था. आम दिनों में रविवार को शौर्य स्मारक बंद रहता था, लेकिन अब यह हर रविवार को खुला रहेगा. इसकी शुरुआत 13 सितंबर से हो गई है. लॉकडाउन के बाद शौर्य स्मारक के खुलने पर रविवार को पर्यटकों की काफी भीड़ देखने को मिली.
देश पर सर्वस्व न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों की स्मृति में राजधानी भोपाल में शौर्य स्मारक अब हर रविवार को पर्यटकों के लिये खुला रहेगा. पहले रविवार को लगभग 350 लोगों ने शौर्य स्मारक का भ्रमण किया. लोगों में 15 अगस्त को उद्घाटित 37 फीट ऊंची भारत माता की कांस्य प्रतिमा को देखने का काफी उत्साह था. शौर्य स्मारक को हाल ही में कोरोना के चलते 174 दिन बाद पर्यटकों के लिये खोला गया है. अमूमन एक हजार पर्यटकों से भरा रहने वाला यह स्मारक 100 पर्यटकों के आसपास सिमट आया था.
र्यटकों के लिए खुला शौर्य स्मारक गाइडलाइन फॉलो करना जरुरी
शौर्य स्मारक में अब साप्ताहिक अवकाश बुधवार को रहेगा. पर्यटकों को दोपहर 12 से शाम 7 बजे तक शासन की गाइड लाइन के अनुसार ही प्रवेश दिया जा रहा है. मास्क, सेनिटाइजर की अनिवार्यता के साथ ही लोगों की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है. सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर परिसर और शौर्य वीथी में निर्धारित दूरी पर पद-चिन्हांकन किया गया है. फिलहाल प्रवेश के लिये वल्लभ भवन से आने वाले मार्ग पर स्थित गेट क्रमांक-1 से ही प्रवेश दिया जा रहा है. चयन भवन के सामने स्थित गेट क्रमांक-2 से प्रवेश प्रतिबंधित है. कोरोना संबंधित दिशा-निर्देशों, मास्क, फेस-कवर, सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पालन न करने वाले व्यक्तियों पर अधिकतम 500 रुपये का स्पॉट फाइन लगेगा. इसी तरह परिसर में थूकने वाले व्यक्तियों पर भी अधिकतम एक हजार रुपये का स्पॉट फाइन लगाने के आदेश हैं.
नियमों का पालन नहीं करने पर लगेगा स्पॉट फाइन भोपाल में 13 एकड़ में बने शौर्य स्मारक का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अक्टूबर 2016 को किया था. स्मारक की प्रथम वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री ने यहां भारत-माता की प्रतिमा स्थापना का संकल्प लिया था. प्रतिमा स्थापना के लिये विशेषज्ञों, वास्तुविदों, शिल्पकारों, चित्रकारों, आकल्पनकारों और संस्थानों आदि से प्रस्ताव आमंत्रित करने के बाद आर्शीवचन की मुद्रा में राष्ट्रध्वज सहित कमल पर भारत-माता की लगभग 25 फीट (पेडस्टल सहित 37 फीट) कांस्य प्रतिमा स्थापित की गई है. प्रतिमा के पेडस्टल पर अशोक चक्र के साथ राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत भी उकेरा गया है. वहीं स्मारक में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना से संबंधित संक्षिप्त ऐतिहासिक जानकारी, चित्र, अस्त्र-सशस्त्रों के छायाचित्र, टेबल-टॉप मॉडल स्केल मॉडल शौर्य पदक विवरण, शौर्य से संबंधित प्रकाशन, लघु फिल्म प्रदर्शन आदि के माध्यम से जन-सामान्य को भारतीय सेना की शौर्य-गाथाओं से परिचित कराया जाता है. अब तक 26 लाख 50 हजार से अधिक लोग यहां आ चुके हैं.