भोपाल। राजधानी भोपाल के साकेत नगर में रहने वाले सीरियल किलर उदयन को आखिर अपने किए की सजा कोर्ट से मिल ही गई है. अपने माता-पिता और प्रेमिका की हत्या कर लाश घर में ही दफन करने वाले सीरियल किलर उदयन दास को पश्चिम बंगाल के वाकुंडा की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. आरोपी उदयन को आकांक्षा शर्मा की हत्या के मामले में दोषी पाया गया था, जिसे देखते हुए अतिरिक्त न्यायाधीश सुरेश विश्वकर्मा ने उसे ये सजा सुनाई है.
हत्यारे उदयन दास ने साल 2010 में अपने माता-पिता को रायपुर स्थित घर में ही मार डाला था और किसी को इस हत्याकांड का पता न चल सके तो उसने अपने माता-पिता के शवों को घर के बगीचे में ही दफना दिया था. आरोपी का दिमाग इतना शातिर था कि इसने किसी को इस बात की भनक भी नहीं लग पाई और कई सालों तक आम जीवन जीता रहा. इसके बाद उसने वर्ष 2016 में अपनी प्रेमिका आकांक्षा शर्मा की भोपाल स्थित साकेत नगर घर में हत्या कर दी थी. बाद में उसकी लाश को एक धातु के बक्से में रख दिया और बेडरूम के अंदर चबूतरा बनाकर उसमें गाड़ दिया था. आरोपी का दिमाग इतना शातिर था कि उसने प्रेमिका की हत्या के बाद पूरी योजना के तहत घर पर सीमेंट लाकर एक चबूतरा बनवाया था और उसी चबूतरे के अंदर उसकी लाश को दफना दिया था. आरोपी उदयन उसी चबूतरे पर बिस्तर डालकर सोता था.
इस मामले में सरकारी वकील ने मौत की सजा की अपील की थी, लेकिन अदालत ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है. इसके अलावा कोर्ट ने आरोपी के ऊपर 20 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है. वहीं सबूतों से छेड़छाड़ के लिए भी उस पर 2 हजार रुपए जुर्माना और 2 साल की कैद अलग से सुनाई गई है. आरोपी उदयन अच्छी अंग्रेजी जानता था, कोर्ट का फैसला सुनने के बाद उसने अंग्रेजी में न्यायाधीश से कहा कि वो इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देना चाहता है, उसे अपने किए का कोई दुख नहीं है, इसलिए वो इस मामले में हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट भी जाएगा.
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उम्र कैद की सजा सुनाए जाने के बाद सीरियल किलर उदयन दास फिर करीब साढ़े 3 साल बाद सुर्खियों में है. आरोपी ने गोविंदपुरा थाने में पूछताछ के दौरान अपनी प्रेमिका आकांक्षा शर्मा और अपने माता-पिता की हत्या की बात कबूल की थी. हालांकि, उसने पुलिस को काफी समय तक गुमराह किया. वो बार-बार यही कहता रहा कि उसके माता-पिता फिलहाल अमेरिका में रहते हैं, लेकिन जब पुलिस ने उसकी मां इंद्राणी की बहन और भाइयों को बुलाया तो वो टूट गया और उसने सारी हत्याओं का राज खोल दिया.
उदयन की प्रेमिका आकांक्षा की गुमशुदगी का मामला बंगाल में दर्ज नहीं होता तो शायद आरोपी पकड़ा भी नहीं जाता. आकांक्षा के पिता सुरेंद्र शर्मा ने पुलिस को बताया था कि उनकी बेटी काफी दिनों से लापता है, उसने बताया था कि उसकी अमेरिका में नौकरी लग गई है. इसके बाद उसे घर से एक लाख 20 हजार रुपए भी दिए थे, जबकि उसके खाते में पहले से ही करीब एक लाख रुपए थे, पर उन्हें बाद में पता चला कि आकांक्षा जून में कोलकाता से दिल्ली के लिए निकल गई थी. कुछ दिन दिल्ली में रहने के बाद वो भोपाल के साकेत नगर स्थित मकान में उदयन दास के साथ रहने लगी थी. उसके जितने भी पैसे थे वो भी उदयन दास ने हड़प लिया था. बंगाल पुलिस ने आकांक्षा के मोबाइल की आखिरी लोकेशन भोपाल के गोविंदपुरा थाना क्षेत्र के साकेत नगर में ट्रैस की थी.
इसके बाद पुलिस ने आकांक्षा की कॉल डिटेल निकाली तो उदयन दास की जानकारी सामने आई. इसके बाद बंगाल पुलिस साल 2017 में भोपाल पुलिस के सहयोग से साकेत नगर स्थित उदयन दास के घर पर छापेमारी की थी. उसी दौरान उसके घर में एक सीमेंट का चबूतरा भी मिला था. जब उस चबूतरे की खुदाई की गई तो उसके अंदर आकांक्षा की लाश मिली थी. उदयन इतना शातिर कातिल था कि उसने माता-पिता को मारने के बाद भी कई वर्षों तक उनकी पेंशन निकालता रहा और लग्जरी लाइफ जीता रहा, वो सोशल मीडिया पर अपने आप को एक उद्योगपति बताता था. उसके पास से पुलिस ने मर्सिडीज भी जब्त की थी. इसके अलावा आरोपी ने 200 फर्जी फेसबुक आईडी भी बनाई थी, जिसके माध्यम से वो लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फंसाने का काम करता था.