भोपाल। सावन का महीना (Month Of Savan) भगवान शिव को मनाने के लिए सबसे पवित्र माना जाता है, इस माह में भगवान शिव (Worship Of Lord Shiva) की पूजा की जाती है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, यह साल का पांचवां महीना होता है. यह महीना भगवान शिव (Bhagwan Shiva) को समर्पित मास है. माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव पर जलाभिषेक करने मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. सावन माह में सोमवार का विशेष महत्व है, सावन में चार सोमवार पड़ते हैं, पर व्रती महिलाएं-युवतियां पांच सोमवार को व्रत रखती हैं, यानि अषाढ़ मास के आखिरी सोमवार से सावन सोमवार (First Monday of Savan) का व्रत शुरू हो जाता है.
कब से शुरू हो रहा सावन?
पूर्णिमा के बाद भगवान शिव (Bholenath) का महीना इस बार 25 जुलाई से शुरू हो रहा है. मान्यता है कि इस महीने में भक्त अगर सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक करें तो भोलेनाथ उनके सभी कष्टों को दूर कर देते हैं. सावन महीने में सोमवार (Sawan Somvaar) का बहुत महत्व है. इस दिन व्रत रखने का विधान है. सावन का पहला सोमवार अषाढ़ के आखिरी सोमवार से ही जोड़ा जाता है क्योंकि सावन में कुल पांच सोमवार व्रत करने की मान्यता है.
इस बार कितने सोमवार!
साल 2021 के सावन में कुल 4 सोमवार पड़ रहे हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस बार सावन 25 जुलाई से शुरू होगा और 22 अगस्त को समाप्त होगा. 22 अगस्त को पूर्णिमा है और इसी दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस साल सावन रविवार को शुरू हो रहा है और रविवार को ही समाप्त हो रहा है.
कब-कब है सावन सोमवार
26 जुलाई 2021- पहला सोमवार, 2 अगस्त 2021- दूसरा सोमवार, 9 अगस्त 2021- तीसरा सोमवार, 16 अगस्त 2021- चौथा सोमवार
सावन माह से जुड़ी मान्यताएं
कहते हैं इस मास महादेव मां पार्वती संग पृथ्वी भ्रमण पर निकलते हैं. वन में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.सावन सोमवार का व्रत करने पर फल बहुत जल्दी मिलता है.मान्यता है कि भगवान शिव की कृपा से विवाह संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं.सावन में शिव की पूजा करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति-मोक्ष की प्राप्ति होती है.
शिव मंत्रसावन में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. सोमवार के दिन भगवान शिव को विधि पूर्वक अभिषेक करने से सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं, सावन में भगवान शिव के इन मंत्रों का जाप करना चाहिए.
महामृत्युंजय मंत्र ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ.
शिव मंत्र ऊँ नम: शिवाय
भगवान शिव के अन्य मंत्र
ओम साधो जातये नम:, ॐ वामदेवाय नम:, ओम अघोराय नम:, ओम तत्पुरूषाय नम:,ओम ईशानाय नम:, ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय.
रुद्र गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्.