भोपाल।आम और खास सभी को कोरोना ने इस साल प्रभावित किया है. सब की हालत पतली बनी हुई है. इस बार दशहरे (Dussehra 2021) में जलने को तैयार रावण की हालत भी पतली है. दशानन सज धज कर बाजार में बिकने को खड़े हैं, लेकिन उन्हें कोई खरीदार नहीं मिल रहा है. अपनी हुंकार से डरा देने वाले रावण का भाव इस बार गिर गया है. लोग हजार रुपये में भी रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले खरीदने के लिए तैयार नहीं हैं.
महंगाई में महंगे बिक रहे पुतले
राजधानी के बांस खेड़ी, पंचशील नगर, लिंक रोड तीन सहित आधा दर्जन स्थानों पर पुतले बन रहे हैं. 500 रुपए से लेकर 50 हजार तक इनकी कीमत है, लेकिन इस रेट पर इनके खरीदार नहीं हैं. इस बार बड़े पुतले (Ravan Effigy) तैयार नहीं किए गए हैं. 15 फुट से 25 फुट तक के पुतले बनाए गए हैं. पुतले बनाने वाली कारीगर नेहा ने बताया कि पुतले बनाने के लिए जरूरी बांस जो पहले 150 रुपए में मिल जाता था, अब वह 200 से 250 में मिल रहा है. वहीं कागज के दाम भी डेढ़ रुपए से बढ़कर 10 रुपये तक हो गए हैं. ऐसे में 6 से 7 हजार के पुतले को ग्राहक से हजार से दो हजार में मांग रहे हैं.