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पीसी शर्मा के बयान पर नरोत्तम मिश्रा का पलटवार, कहा- जस्टिस धींगरा ने बहुतों को किया बेनकाब

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Published : Feb 7, 2020, 9:55 AM IST

Updated : Feb 7, 2020, 11:27 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में दिए अपने एक बयान में सीएम कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, कि कांग्रेस ने सिख दंगों के आरोपी को मुख्यमंत्री बना दिया. उनके इस आरोप को मंत्री पीसी शर्मा ने झूठ करार दिया, जिस पर नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि कांग्रेसियों ने जस्टिस धींगरा कमेटी की रिपोर्ट नहीं पढ़ी है.

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कांग्रेस की प्रतिक्रिया पर पूर्व जनसंपर्क मंत्री का पलटवार

भोपाल। 1984 के सिख दंगों को लेकर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा की सफाई के बाद पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है, उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के लोगों ने जस्टिस ढींगरा की रिपोर्ट का अध्ययन नहीं किया है. जस्टिस ढींगरा ने अपनी रिपोर्ट में कई ऐसे लोगों को बेनकाब किया है जो सिख दंगों के आरोपी थे. मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर असत्य बोलने का आरोप लगाने वाले पहले जस्टिस ढींगरा की रिपोर्ट का अध्ययन कर लें. गृह मंत्री अमित शाह के बारे में जो पीसी शर्मा बोल रहे हैं. उसे लेकर मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि पूरा देश जानता है कि तत्कालीन केंद्रीय कांग्रेस की सरकार ने उनके साथ षड्यंत्र किया था, जो अब दूध का दूध और पानी का पानी हो चुका है. इस मामले को लेकर भी कांग्रेस को थोड़ा इंतजार कर लेना चाहिए. कुछ समय बाद इस मामले में भी सब कुछ साफ हो जाएगा.

कांग्रेस की प्रतिक्रिया पर पूर्व जनसंपर्क मंत्री का पलटवार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में बयान देते हुए इशारा किया था कि, सिख दंगों के आरोपी को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बना दिया है. उनका यह इशारा कमलनाथ की ही ओर था, उनके इस बयान के बाद प्रदेश सरकार के मंत्री सीएम के बचाव में भी उतर आए हैं और प्रधानमंत्री के बयान को पूरी तरह से झूठ बता रहे हैं. जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा संसद में जो बयान दिया गया है, वो पूरी तरह से निंदनीय है और नरेंद्र मोदी झूठ बोल रहे हैं.

जनसंपर्क मंत्री ने कहा कि 1984 के दंगों को लेकर चार कमीशन चार कमेटी और दो एसआईटी सहित 35 सालों की जांच में कभी कमलनाथ आरोपी नहीं बने हैं. अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने वर्ष 2000 में नानावटी आयोग बनाया था. मोदी सरकार ने भी दिसंबर 2014 में कमेटी बनाई थी, लेकिन किसी ने भी कमलनाथ को दंगे में लिप्त नहीं पाया है.उन्होंने कहा कि लगता है पीएम मोदी भूल गए हैं कि, 2014 में पहली बार जब वो प्रधानमंत्री बने थे तो कमलनाथ ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई थी. कमलनाथ का समाज के प्रति उदार रवैया रहा है, जिस पर नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है.

Last Updated : Feb 7, 2020, 11:27 AM IST

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