भोपाल। राजधानी भोपाल में नवरात्री को देखते हुए प्रशासन के साथ-साथ पुलिस भी पूरी तरह मुस्तैद है. पुलिस नए और पुराने शहर में दुर्गा पंडालों और यहां होने वाले आयोजनों पर खास नजर रख रही है. पुलिस ने मंदिरों और भीड़-भाड़ वाले दुर्गा पंडालों पर फिक्स प्वाइंट लगाए हैं. साथ ही पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टियां और सीएसपी, एएसपी स्तर के अधिकारी लगातार यहां भ्रमण कर रहे हैं. पूरे शहर में 1,500 फिक्स प्वाइंट बनाए गए हैं तो वहीं 2,500 से ज्यादा पुलिस बलों को तैनात किया गया है.
दुर्गा पंडालों और आयोजनों पर पुलिस की कड़ी नजर, पेट्रोलिंग पार्टियां कर रही निगरानी
भोपाल में नवरात्री को देखते हुए प्रशासन के साथ-साथ पुलिस भी पूरी सख्ती से काम कर रही है. पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टियों की नजर लगातार दुर्गा पंडाल और शहर में होने वाले आयोजनों पर है.
कोरोना संक्रमण को देखते हुए, इस बार नवरात्र और दुर्गा पंडालों के लिए प्रशासन ने अलग से व्यवस्थाएं की हैं. प्रशासन ने दुर्गा पंडालों और आयोजनों को लेकर पहले ही दिशा निर्देश जारी किए हैं. बिना अनुमति दुर्गा पंडाल लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. तो वहीं जिला प्रशासन के साथ-साथ पुलिस ने सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए हैं. पुलिस ने नए और पुराने शहर में 1,500 फिक्स प्वाइंट बनाए हैं. पूरे शहर में पुलिस के 2,500 से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं. दूर-दराज और गांव वाले क्षेत्रों में पुलिस ने सरपंचों और नगर सुरक्षा समितियों को भी जिम्मेदारी सौंपी है. यहां नगर सुरक्षा समितियां और सरपंच आयोजकों से सभी नियमों का पालन करवा रहे हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आयोजकों को हिदायत दी गई है कि किसी भी दुर्गा पंडालों में 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ इकठ्ठी न हो. साथ ही कोरोना से बचाव के सभी नियमों का सख्ती से पालन किया जाए.
जारी की गई है ये गाइडलाइन
- दुर्गा पंडालों में 100 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते हैं
- दुर्गा पंडालों में मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का रखना होगा पूरा ख्याल
- दुर्गा पंडाल के आस-पास लगने वाली दुकानें और मेलों का आयोजन नहीं किया जाएगा
- निर्धारित समय पर दुर्गा पंडालों को करना होगा बंद
- आवश्यक होने पर आयोजनों की करनी होगी वीडियाग्राफी, 48 घंटों के अंदर प्रशासन को करवानी होगी वीडियाग्राफी उपलब्ध
- दुर्गा पंडालों में अग्निशमन यंत्रों की अनिवार्य रूप से करनी होगी व्यवस्था
- 10 लोग ही प्रतिमा विसर्जन में शामिल हो सकते हैं, लेकिन तालाब में उतरने की अनुमति नहीं.