भोपाल।राजधानी में आज भी लोग धड़ल्ले से प्लास्टिक थैलियों का इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं. शहर की सड़कों के किनारे छोटे सब्जी व्यापारी हो, हाथठेले वाले हों या यहां से गुजर रहे राहगीर आते-जाते सबके हाथों में कहीं न कहीं प्लास्टिक थैली या पॉलिथीन बैग नजर आ ही जाता है. भोपाल को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए एक साल पहले बैग सिलाई कियोस्क का शुभारंभ किया गया था, लेकिन आज इन कियोस्क सेंटरों पर ताला लटका हुआ है.
भोपाल नगर निगम के अधिरकारियों का दावा है कि शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाया गया है. साथ ही शहरभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन है. इसके अलावा अधिकारियों का कहना है कि जहां सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है, वहां कार्रवाई की जाती है. लेकिन शहर की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनसे ऐसा कुछ लगता तो नहीं है.
कियोस्क सेंटर पर लटके ताले
भोपाल नगर निगम ने शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने और लोगों को कपड़े की थैली के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से शहर के अलग-अलग जगहों पर कियोस्क सेंटर खोले थे और दावा किया था कि शहरभर के घर-घर तक कपड़े की थैली पहुंचाई जाएगी. अब तक एक साल भी नहीं बीता है और योजना पर पलीता लगता नजर आ रहा है. भोपाल के बोट क्लब को भी प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए वहां पास में एक कियोस्क सेंटर खोला गया था. लेकिन वहां भी ताला लटका हुआ है.
बोट क्लब के अलावा शहर में 6 ऐसी जगह हैं, जहां पर कपड़े की थैली बनाई जाती थी. लेकिन पिछले कुछ समय से यहां पर ताले लगे हुए हैं. अपर आयुक्त शाश्वत मीणा का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण इन सेंटरों को बंद किया गया था. अब जैसे-जैसे लॉकडाउन में राहत दी जा रही है वैसे-वैसे इसे भी जल्द ही ट्रैक पर लेकर आएंगे.
5 रुपए में मिलती है कपड़े की थैली