भोपाल/खरगोन। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार आज विधानसभा में पहला पूर्णकालिक बजट पेश करेगी. लोगों को इस बजट से कई उम्मीदें हैं. ठीक 11 बजे प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोत विधानसभा में बजट पेश करेंगे.
मध्यम वर्ग को कमलनाथ सरकार से उम्मीद है कि बजट में उनका ध्यान रखा जाएगा. मिडिल क्लास का कहना है कि निचले और उच्च तबके की अपेक्षा उन पर टैक्स का बोझ सबसे ज्यादा होता है, इसलिए उन्हें महंगाई से राहत देने वाला बजट हो और पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम की जाएं. इन पर टैक्स राज्य सरकार कम करे.
आज वित्त मंत्री तरुण भनोट खोलेंगे बजट का पिटारा
वित्तमंत्री तरुण भनोत का कहना है कि बजट वास्तविकता के आधार पर होगा, जिसमें सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है. हालांकि किसे क्या मिलता है वो 11 बजे के बाद ही साफ हो पाएगा, लेकिन माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार बजट में उन योजनाओं को आगे बढ़ाने का ऐलान कर सकती है, जो शिवराज सरकार के आने से पहले कांग्रेस की सरकार में लाई गई थीं.
बजट में हो सकती हैं ये घोषणाएं
- कमलनाथ सरकार केंद्र की आयुष्मान योजना की तर्ज पर महा आयुष्मान योजना लागू कर सकती है.
- राइट टू वॉटर और राइट टू हेल्थ योजना शुरू करने की तैयारी में प्रदेश सरकार है. इसे लेकर जमीनी तैयारी सरकार ने पहले ही शुरू कर दी है. बजट में इन बड़ी योजनाओं के लिए पहली बार प्रावधान किए जाएंगे.
- सरकार की महत्वाकांक्षी जय किसान ऋण माफी योजना के लिए भी बजट में प्रावधान रहेंगे. सरकार की कोशिश सूबे में स्थानीय लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने की है.
- प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा निवेश लाने की कोशिश में भी सरकार जुटी है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने 6 क्लस्टर बनाने की योजना बनाई है, हालांकि इसके लिए प्रदेश सरकार की कोशिश केंद्र से फंड लाने की है.
- माना जा रहा है कि बजट में लघु एवं सूक्ष्म उद्योग के लिए भी राशि में बढ़ोतरी हो सकती है.
- इसी तरह प्रदेश में बड़े उद्योगों को लाने के लिए सरकार बजट में नई घोषणा कर सकती है.
- अक्टूबर माह में इंदौर में होने वाले इन्वेस्टर मीट के लिए भी बजट आवंटित किया जाएगा.
- नगरीय विकास, ग्रामीण विकास, कृषि, पशुपालन, चिकित्सा शिक्षा, बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा, सहकारिता के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान रखा जाएगा.
- सरकार ने साफ कर दिया है कि बजट पूरी तरह से वास्तविकता पर आधारित होगा. मुख्यमंत्री ने भी वित्त विभाग को निर्देश दिए हैं कि बजट में आंकड़ों की बाजीगरी नहीं दिखनी चाहिए.