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ओमिक्रॉन का खौफ: जीनोम सीक्वेंसिंग मशीनें ना होने से बढ़ा खतरा, जनवरी के पहले सप्ताह में आने की उम्मीद - एमपी में लेगी जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. शनिवार को 21 संक्रमित प्रदेश में आए हैं. (Genome Sequencing Machine will Taken in MP) जबकि एक्टिव केसों की संख्या 175 से ज्यादा है. ऐसे में प्रदेश में जिनोम सीक्वेंसिंग मशीन नहीं होने से खतरा बढ़ता जा रहा है. हालांकि चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि दिसंबर अंत या जनवरी के पहले सप्ताह तक प्रदेश में पांच मशीनें आ जाएंगी.

Genome sequencing machine will come soon in Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश में जल्द आएगी जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन

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Published : Dec 18, 2021, 10:05 PM IST

भोपाल।कोविड के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जिनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट अभी भी दिल्ली से आ रही है. (Genome Sequencing Machine will Taken in MP) अगर यह मशीन मध्य प्रदेश में आ जाए, तो रिपोर्ट आने में 1 से 2 दिन ही लगेंगे. जबकि अभी 7 दिन से अधिक का समय लगता है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग लगातार इसको लेकर प्रयास कर रहा है. लेकिन प्रदेश में जिस हिसाब से स्थिति बदल रही है, उस हिसाब से लगातार कोविड पॉजिटिव मरीजों की संख्या 2 अंकों में आ रही है.

शनिवार को भी 21 मरीज पॉजिटिव पाए गए, जबकि 175 से अधिक पूरे प्रदेश में एक्टिव केस हैं. इधर, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने एक बार फिर दोहराया कि दिसंबर के अंत या जनवरी के पहले सप्ताह तक यह मशीनें मध्य प्रदेश में आ जाएंगी. पूरे देश में 12 मशीनें लगनी है, जिनमें से 5 मध्य प्रदेश में लगेंगी.

मध्य प्रदेश में जल्द आएगी जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से एमपी के लिए मांगी मशीन

इसके पहले मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वाश कैलाश सारंग ने दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख एल मांडविया से मुलाकात कर प्रदेश के लिए जिनोम सीक्वेंसिंग मशीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था. मांडविया ने प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा मेडिकल कॉलेज के लिए मशीन देने करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है.

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इस मशीन की ट्रेनिंग के लिए मध्य प्रदेश से डॉक्टर असीम रांगनेकर (असिस्टेंट प्रोफेसर), डॉ पी नागराज (साइंटिस्ट कैटेगरी सी) और डॉ राजीव कुमार जैन (साइंटिस्ट कैटेगरी बी) को ट्रेनिंग दी जाएगी.

एक या दो दिन में आ जाएगी रिपोर्ट

इन मशीनों के माध्यम से प्रदेश में ही कोरोना के किसी भी वेरिएंट की जांच और पहचान हो सकेगी. यह प्रदेश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धी है. प्रदेश में अभी तक जिनोम सिक्वेन्सिंग मशीन न होने के कारण सैंपल दिल्ली भेजने पड़ते थे. जिसके कारण रिपोर्ट आने में काफी देरी होती थी. अब प्रदेश में ही पांच मेडीकल कॉलेजों में मशीन होंगी, तो जांच रिपोर्ट एक या दो दिन में मिल जाएगी.

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कोरोना से मौतों का आंकड़ा

मध्य प्रदेश में कोविड की लहर जब से आई है, तब से अभी तक इस में मरने वालों की संख्या सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 10,529 है. जबकि भोपाल में यह आंकड़ा 1004 है. कई इसमें ऐसे भी लोग शामिल हैं, जिनके डेथ सर्टिफिकेट पर रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं लिखी गई थी.

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