भोपाल। मध्यप्रदेश के अधिकांश जिले जहां कोरोना संक्रमण से प्रभावित हैं और इससे निपटने के लिए डॉक्टर और प्रशासन पूरी हिम्मत से जुटा हुआ है. वहीं प्रदेश के करीब 173 डॉक्टर्स ड्यूटी पर नहीं पहुंच रहे हैं. यह स्थिति तब है जब राज्य शासन 8 अप्रैल से एस्मा (आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम) लगा चुकी है. बार-बार निर्देश के बाद भी ड्यूटी पर नहीं आ रहे इन 173 डॉक्टरों को 10 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है. इस दौरान ड्यूटी से नदारद डॉक्टरों के खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी.
173 डॉक्टर्स ड्यूटी से नदारद, 10 दिनों का मिला अल्टीमेटम
प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों को अत्यावश्यक सेवाएं देने के लिए नियुक्त किया गया था, लेकिन में से 173 डॉक्टर्स पर ड्यूटी पर नहीं पहुंच रहे हैं, जिनके खिलाफ नोटिस जारी कर 10 दिनों में जवाब मांगा गया है.
मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण आने के बाद राज्य शासन ने 8 अप्रैल से एस्मा लगाते हुए, सभी शासकीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संस्थानों में डॉक्टरों की सेवा को अत्यावश्यक सेवा घोषित किया गया था. ऐसी स्थिति में डॉक्टर्स ड्यूटी कैंसल नहीं कर सकते हैं. इसके बाद भी प्रदेश के अलग-अलग जिलों में तैनात 173 डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं पहुंच रहे हैं. इसमें मंडला में 12 डॉक्टर, छिंदवाड़ा में पांच, दतिया के पांच, टीकमगढ़ के छह, इंदौर के दो उज्जैन के 7 डाक्टर शामिल है.
स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त फैज अहमद किदवई ने ड्यूटी से गायब इन चिकित्सा अधिकारी और विशेषज्ञों को 10 दिनों का अल्टीमेटम दिया है. सार्वजनिक सूचना जारी कर इन सभी को निर्देश दिया गया है कि 10 दिनों के अंदर सभी संबंधित जिलों के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पास अपनी उपस्थिति दें या इस संबंध में अपनी सूचना दें. इस संबंध में सूचना प्राप्त ना होने पर यह माना जाएगा कि डॉक्टर शासकीय कार्य करने के इच्छुक नहीं हैं ऐसा, मानकर उनके खिलाफ एक तरफा कार्रवाई कर उन्हें बर्खास्त किया जाएगा.