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कोविड-19 की ड्यूटी में लगे जूनियर डॉक्टर्स को सताने लगी परीक्षा की तैयारी की चिंता - No time for Exam Preparation

कोरोना महामारी के बीच जूनियर डॉक्टर्स अपनी पढ़ाई और प्रैक्टिस छोड़कर लोगों का सर्वे, सैंपलिंग और मरीजों के इलाज में लगे हैं, ऐसे में जुलाई से शुरू हो रही परीक्षा में खरा उतरना जूनियर डॉक्टर्स के लिए बड़ी चुनौती बन गई है.

Junior doctors have increased problem
जूनियर डॉक्टरों की बढ़ी परेशानी

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Published : Jun 15, 2020, 7:48 PM IST

Updated : Jun 16, 2020, 7:16 PM IST

भोपाल। कोरोना महामारी के दौर में हर कोई किसी न किसी तरह के संक्रमण से लड़ने और उससे बचने के लिए काम कर रहा है. कोई फ्रंट लाइन पर ड्यूटी कर रहा है तो कोई पीछे रहकर अपना फर्ज निभा रहा है. इन सबके बीच मध्यप्रदेश सहित पूरे देश और दुनिया में फ्रंटलाइन वॉरियर्स मेडिकल स्टाफ कोरोना को हराने में लगा है, इसमें जूनियर डॉक्टर भी पीछे नहीं हैं.

सभी जगह जूनियर डॉक्टर्स अपनी पढ़ाई और प्रैक्टिस छोड़कर लोगों का सर्वे, सैंपलिंग और मरीजों के इलाज में लगे हैं, लेकिन अब जूनियर डॉक्टर्स की जुलाई से पोस्ट ग्रेजुएशन की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं, जो लगातार कोरोना वायरस से निपटने के लिए ड्यूटी कर रहे हैं, जिसके चलते परीक्षा की तैयारी और ड्यूटी दोनों साथ करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

पीजी परीक्षा और कोरोना काल में लगी ड्यूटी के बीच जूनियर डॉक्टर्स किस तरह से काम कर रहे हैं, इस बारे में गांधी मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सचिव डॉ. सचिन सक्सेना ने बताया कि जब से भोपाल में कोरोना संक्रमण के मामले शुरू हुए हैं, तब से जूनियर डॉक्टर्स की ड्यूटी सर्वे, सैंपलिंग और कोविड वार्ड में लगाई जा रही है, अब जब शहर में रोजाना 50 से ज्यादा संक्रमण केस आ रहे हैं, तब हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है. ऐसे में हम लोगों को परीक्षा की भी चिंता सता रही है क्योंकि ड्यूटी के साथ ही तैयारी भी करनी पड़ रही है.

आगामी परीक्षा के लिए जूनियर डॉक्टर्स को कॉलेज प्रबंधन और टीचर्स की ओर से क्या मदद मिल सकती है, इस बारे में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ. राकेश मालवीय का कहना है कि गांधी मेडिकल कॉलेज के करीब सभी जूनियर डॉक्टर्स लगातार अपनी पढ़ाई छोड़कर कोविड-19 से लड़ाई लड़ रहे हैं, ऐसे में उनकी पढ़ाई पर असर पड़ा है, लेकिन अब जब उनकी परीक्षाएं सामने हैं तो इसमें बिना कोई समझौता किए कॉलेज प्रबंधन और मेडिकल टीचर्स की ओर से उन्हें पूरा सहयोग दिया जाएगा. साथ ही ये कोशिश की जाएगी कि सभी छात्रों को प्रिपरेशन लीव एक महीने से 15 दिन तक की दी जाए, ताकि वो अपनी तैयारी कर सकें.

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के करीब 400 जूनियर डॉक्टर की ड्यूटी कोविड-19 और मरीजों के इलाज के लिए लगाई जा रही है. ऐसे में जब इनकी परीक्षा शुरू होने जा रही है, तब इनके लिए अपनी पढ़ाई के लिए समय निकालना मुश्किल है, साथ ही भोपाल में कोरोना वायरस ड्यूटी में लगी टीम की कमी भी आने वाले दिनों में हो सकती है.

Last Updated : Jun 16, 2020, 7:16 PM IST

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