भोपाल। नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में कई बदलाव किए जा रहे हैं. प्रदेश सरकार ने 2023 तक नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल और कॉलेजों को नया स्वरूप देने का लक्ष्य तय किया है. महाविद्यालय के लिए प्रदेश सरकार ने 7-7 करोड़ रुपए का बजट बिल्डिंग निर्माण के लिए इस वर्ष जारी कर दिया है. प्रदेश के महाविद्यालयों को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग शिक्षकों के ट्रेनिंग प्रोग्राम सहित अन्य गुणवत्ता सुधार कार्य रहा है.
- 2023 तक महाविद्यालय बनेंगे गुणवत्तापूर्ण
नई शिक्षा नीति के तहत पहले चरण में शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है. प्रदेश के एक हजार महाविद्यालयों को चिन्हित किया गया है. जिन्हें 2023 तक गुणवत्तापूर्ण बनाया जाएगा. इसके पहले चरण में प्रदेश भर के शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे हैं, जो इन एक हजार महाविद्यालय में पढ़ाएंगे. इसके पहले चरण में 2021 में महाविद्यालयों की बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा. जिसका कार्य जारी है. राजधानी भोपाल में 8 शासकीय महाविद्यालय हैं. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव इन बिल्डिंग का शुभारंभ भी कर चुके हैं. 2021 के आखिर तक सभी 8 शासकीय महाविद्यालय और चार विश्वविद्यालय में बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा.
- सिलेबस में जोड़ा जाएगा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश
महाविद्यालय को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए विश्वविद्यालयों ने सिलेबस में भी बदलाव करने का निर्णय लिया है. इसमें आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश एक विषय जोड़ा जाएगा. जिसे सभी महाविद्यालयों में अनिवार्य किया जाएगा. अब प्रदेश के छात्र पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार के लिए प्रशिक्षण भी लेंगे. जिसमें आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के तहत विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाएगी. इसमें महाविद्यालय में ही छात्रों को ट्रेनिंग प्रोग्राम दिया जाएगा और इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के साथ ही छात्रों को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. जिससे वह आगे रोजगार कर सके.